पंतनगर-विश्वविद्यालय में क्या हुआ ऐसा,जिसका संज्ञान लेना पड़ा राज्यपाल को,पढ़िए खबर

एशिया का बहुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय पंतनगर पिछले दिनों से खूब चर्चायो में हैं जिसमे उत्तराखंड के राज्यपाल को संज्ञान लेना पड़ा और तत्काल जांच के आदेश दे दिए बाद उसके पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति ने दोषी वार्डन शिक्षक को अल्मोड़ा अटैच कर दिया जिसमें मामले को टूल पकड़ता देख प्रेस वार्ता कर मामले का पटाक्षेप किया
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पंतनगर-विश्वविद्यालय में क्या हुआ ऐसा,जिसका संज्ञान लेना पड़ा राज्यपाल को,पढ़िए खबर

एशिया का बहुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय पंतनगर पिछले दिनों से खूब चर्चायो में हैं जिसमे उत्तराखंड के राज्यपाल को संज्ञान लेना पड़ा और तत्काल जांच के आदेश दे दिए बाद उसके पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति ने दोषी वार्डन शिक्षक को अल्मोड़ा अटैच कर दिया जिसमें मामले को टूल पकड़ता देख प्रेस वार्ता कर मामले का पटाक्षेप किया है।

पंतनगर-विश्वविद्यालय में क्या हुआ ऐसा,जिसका संज्ञान लेना पड़ा राज्यपाल को,पढ़िए खबर

आपको बता दें कि की उधमसिंहनगर में एशिया का प्रतिष्ठित पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर में वार्डन शिक्षक द्वारा यूनिवर्सिटी की छात्रा के साथ देर रात फोन करने और उसके साथ लगभग 1 घंटे से अधिक समय तक बात करने का मामला उजागर होने के बाद कुलपति ने जांच के उपरांत वार्डन के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसका स्थानांतरण अल्मोड़ा कर दिया है । दरअसल मामला एक माह पुराना है। पूरे मामले की जानकारी के लिए आज कुलपति तेज प्रताप ने प्रशासनिक भवन में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता की। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि छात्रा ने घटना की शिकायत की थी जिसके बाद मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने राज्यपाल के निर्देश पर तत्काल जांच समिति बिठाई जिसमें पाया गया कि वार्डन शिक्षक शैलेश त्रिपाठी के खिलाफ जांच में तथ्य सही पाए गए जिस पर उन्होंने कार्रवाई करते हुए उनका स्थानांतरण अल्मोड़ा इकाई के लिए कर दिया। इधर बड़ा सवाल यह उठ रहा है की भले ही मामला 1 माह पुराना हो मगर देश की प्रतिष्ठित पंतनगर यूनिवर्सिटी में किसी वार्डन द्वारा देर रात 12:30 बजे फोन करना और उससे यह कहना कि *आज घरवाली नहीं है तुम घर में खाना बनाने आ जाओ* यह सब होने के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन पूरे मामले को दबाने में जुट गया और जांच के बाद आरोपी वार्डन को सिर्फ यहां से तबादला कर दिया गया जबकि अक्सर देखा गया है कि छात्राओं के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता देर रात किसी शिक्षक द्वारा उससे फोन पर बात करने के मामले में ठोस कानूनी कार्यवाही की जाती है मगर यहां मामला पूरी तरह से ट्रांसफर नामक कार्यवाही के साथ दबा दिया गया।