नानकमत्ता: मुलाजिम ड्यूटी से ज्याला को हुआ था कोरोना संक्रमण, परिवार ने दूर से किए अंतिम दर्शन, जानिए काम के प्रति कितने संवेदनशील थे सुरेन्द्र

नानकमत्ता। थाने की प्रतापपुर चौकी में तैनात कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह ज्याला के शव को परिवार वाले निकट से देख तक नहीं पाए। उनके निधन की सूचना मिली तो पत्नी तीनों बच्चों को लेकर हल्द्वानी के लिए रवाना हुई, मगर उन्हें कोरोना गाइडलाइन के अनुसार पति के शव के नजदीक नहीं जाने दिया गया । बस
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नानकमत्ता: मुलाजिम ड्यूटी से ज्याला को हुआ था कोरोना संक्रमण, परिवार ने दूर से किए अंतिम दर्शन, जानिए काम के प्रति कितने संवेदनशील थे सुरेन्द्र

नानकमत्ता। थाने की प्रतापपुर चौकी में तैनात कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह ज्याला के शव को परिवार वाले निकट से देख तक नहीं पाए। उनके निधन की सूचना मिली तो पत्नी तीनों बच्चों को लेकर हल्द्वानी के लिए रवाना हुई, मगर उन्हें कोरोना गाइडलाइन के अनुसार पति के शव के नजदीक नहीं जाने दिया गया । बस दूर से उन्हें अंतिम दर्शन कराए गए । ज्याला मूल रूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले थे और अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत संवेदनशील थे। उनके निधन से उनके साथी स्तब्ध हैं । उनके साथियों की आंखें नम हो गईं हैं ।
सतेंद्र की नियुक्ति थाना नानकमत्ता की प्रतापपुर चौकी में थी। सिपाही के पद पर तैनात सुरेंद्र ज्याला पुत्र सिंह पान सिंह ज्याला उम्र लगभग 50 वर्ष निवासी थल जनपद पिथौरागढ़ बीती 27 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बताया जा रहा है कि कांस्टेबल ज्याला दिनांक 23 सितम्बर 2020 को मुल्जिम ड्यूटी पर हल्द्वानी गए थे। वहां से लौटने पर जुकाम, बुुुुखार होने पर उनके द्वारा 24 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खटीमा में सैंपल दिया गया था ।जिसकी रिपोर्ट दिनांक 27 सितंबर को पॉजिटिव आई थी। ज्याला का स्वास्थ्य अधिक खराब हो जाने के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती कराया गया था। बीती रात उनके निधन की सूचना थाने पहुंची तो कोहराम मच गया । वहीं थाने में तैनात हर कर्मचारी की आंखे नम हो गई।
मृतक ज्याला व उनका परिवार थाने में ही सरकारी भवन में रहता है। परिवार को उनके निधन का जब समाचार मिला तो सभी उन्हें सांत्वना देने पहुंच गए । अंतिम समय में उनके पार्थिव शरीर को परिवार के लोगों को दूर से ही दिखाया गया। पत्नी गीता ज्याला, पुत्री प्रियंका, तन्नु तथा दो बहनों में सबसे छोटा पुत्र राहुल है। बच्चे यहाँ पिता के साथ रह कर ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सिपाही के निधन पर थाना अध्यक्ष कमलेश भट्ट, दरोगा जगत सिंह भंडारी, अवनीश कुमार, दीपक कौशिक, राजेंद्र पंत , सिपाही रोहित चौधरी, मोहित वर्मा, रविंद्र बर्मन, प्रकाश आर्य, गीता आर्य, कमला दुग्त्याल, ललित नेगी,सहित थाने में तैनात पुलिस कर्मियों कर्मचारियों द्वारा गहरा शोक प्रकट किया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ज्याला कभी-कभी फोन पर परिवार वालों को ढांढस बंधाते थे, लेकिन पिछले कई दिनों से उनकी बात नहीं हुई थी । थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट का कहना है कि ज्याला बहुत कर्मठ थे और अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत संवेदनशील थे। अनेक घटनाओं के खुलासे में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । कई बार उन्हें सम्मानित भी किया गया ।