दिल्ली के नजदीक पहुंचे किसान, पुलिस ने सड़कों पर गढ्ढे खोदकर भारी वाहनों को बनाया बाधा, जानिए किसान आंदोलन की आंच से अब कितना दूर है दिल्ली , देखें यह खबर…

न्यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन की आंच से अब दिल्ली ज्यादा दूर नहीं है। तमाम बैरिकेड पानी की बौछारों और फोर्स के द्वारा बनाई हुई तमाम बाधाओं को पार करते हुए किसान सोनीपत तक आ पहुंचे हैं। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने छोटी छोटी टुकड़ियों में और अलग अलग अकेले भी दिल्ली
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दिल्ली  के नजदीक पहुंचे किसान, पुलिस ने सड़कों पर गढ्ढे खोदकर भारी वाहनों को बनाया बाधा, जानिए किसान आंदोलन की आंच से अब कितना दूर है दिल्ली , देखें यह खबर…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन की आंच से अब दिल्‍ली ज्‍यादा दूर नहीं है। तमाम बैरिकेड पानी की बौछारों और फोर्स के द्वारा बनाई हुई तमाम बाधाओं को पार करते हुए किसान सोनीपत तक आ पहुंचे हैं। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने छोटी छोटी टुकड़ियों में और अलग अलग अकेले भी दिल्‍ली पहुंचना शुरू कर दिया है।

पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान बीते दो दिनों से कई बैरिकेड पार करते हुए पानीपत से आगे बढ़ चुके हैं और दिल्ली के काफी नजदीक आ गए हैं। लेकिन सोनीपत में खुदी हुई सड़कों और कई किलोमीटर में खड़े ट्रकों से जाम हुई सड़क को ये किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पार कर सकेंगे? किसानों का कहना है कि ‘पुलिस चाहे कितने भी गड्ढे खोद ले किसानों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अगर वो एक-एक मुट्ठी भरकर मिट्टी भी इन गड्ढों में डालेंगे तो गड्ढे भर जाएंगे। ट्रकों को भी किसान हटाकर अपना रास्ता बना ही लेंगे, जैसे अब तक बनाते हुए यहां तक पहुंचे हैं, ऐसे ही दिल्ली तक भी पहुंच जाएंगे। हम पूरे महीने का राशन-पानी लेकर निकलें हैं। अब चाहे जितने भी दिन लगें, लेकिन बिना अपनी शर्तें मनवाए हम लौटने वाले नहीं हैं।’

किसान आन्‍दोलन को विफल बनाने के लिए सरकार अब तरह तरह की रणनीति बना रही है। करनाल में पुलिस ने भारी वाहनों को किसानों के रास्‍ते की  बाधा बनाकर खड़ा किया हुआ है। वहीं राजधानी आने वाले तमाम रास्‍तों को सील कर दिया गया है। बुद्धवार को ही राजधानी दिल्‍ली में घुसने से किसानों को रोकने के लिए हरियाणा बार्डर पर  पुलिस बलों को कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ी थी।

किसान आंदोलन को रोकने और दिल्‍ली को किसान आंदोलन की आंच से बचाने के लिए तमाम बार्डरों पर आरएएफ और बीएसएफ के पीएसी की टुकड़ियों तक को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि हरियाणा पंजाब समेत तमाम राज्‍यों के किसान सरकार के नए कृषि बिल के विरोध को लेकर दिल्‍ली में प्रदर्शन करने की जिद पर अड़ गए हैं। किसान इस नए कृषि बिल को वापस लेने की पुरजोर मांग कर रहे हैं।

फिलहाल दिल्ली करनाल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया है। दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं। यहां दिल्ली वाले छोर पर दिल्ली पुलिस की कई टुकड़ियां, हरियाणा वाले छोर पर हरियाणा पुलिस और इनके बीच BSF, RAF(रैपिड एक्शन फोर्स) और CISF की तैनाती की गई है। जवानों की यह तैनाती पंजाब और हरियाणा के किसानों को किसी भी तरह से दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए की गई है।

पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान बीते काफी समय से कृषि संबंधी नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध को आगे बढ़ाते हुए किसान संगठनों ने 26 नवंबर से ‘दिल्ली कूच’ का कार्यक्रम रखा है और इसमें शामिल होते हुए लाखों किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। इन किसानों में सबसे बड़ी संख्या पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग जिलों से आए किसानों की ही है।

तीन महीने का राशन साथ लेकर चले किसान

पंजाब हरियाणा समेत अन्‍य राज्‍यों से दिल्‍ली की तरफ कूच किए किसानों के तेवर देखकर आंदोलन ठंडा होता नजर नहीं आ रहा है। आंदोलन में शामिल किसानों का कहना है कि वे तीन महीनों का राशन लेकर आए हैं। किसानों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि यदि उन्‍हें दिल्‍ली जाने से रोका जाता है तो उन्‍हें जहां भी रोका जाएगा वे उसी जगह पर अपना अनिश्‍चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे। किसानों का कहना है कि वे घरों से तीन महीनों का राशन लेकर चले हैं। अब वे वापस जाने वाले नहीं हैं।

यूपी में भी रोके गए किसान

उत्‍तर प्रदेश में किसान विरोध जताने की रणनीति बना रहे हैं। बुद्धवार और गुरूवार को दिल्‍ली जाने के लिए हापुड़, मुरादाबाद और रामपुर में किसानों को रोका गया तो भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान सड़क किनारे ही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने यूपी से दिल्‍ली जाने वाले किसानों को आगे नहीं जाने दिया।