जान से खिलवाड़: कानपुर में डाक्टर की घोर लापरवाही, महिला का यूट्रस आपरशेन बीच में ही छोड़कर क्यों चली गई डाक्टर, देखें यह खबर…
न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के कानुपर में एक डाक्टर की घोर लापरवाही की वजह से मरीज महिला की जान जाते जाते बची। डाक्टर महिला के यूट्रस का आपरेशन बीच में छोड़कर ही चली गई थी। बाद में सीएमओ ने डाक्टर को कड़ी फटकार लगाई और एफआईआर कराने के निर्दश भी दिए।
कानपुर के कल्याणपुर में स्थित काशी अस्पताल में सीएमओ ने छापा मारा तो उस वक्त डाक्टर एक महिला के यूट्रस का आपरेशन कर रही थीं। सीएमओ के छापामारी के वक्त अस्पताल में अफरा तफरी मच गई तो डाक्टर महिला को आपरेशन थिएटर में तड़पता छोड़कर वहां से निकल गईं। बाद में जब सीएमओ ने ओटी खुलवाकर देखा तो आपरेशन के बीच में महिला दर्द से छटपटा रही थी। जिस पर सीएमओ ने डाक्टर की कड़ी फटकार लगाते हुए जेल भिजवाने की बात कही।
काशी अस्पताल में सीएमओ की छापेमारी के चलते ऑपरेशन कर रही डॉक्टर मरीज को ओटी टेबल पर छोड़कर पीछे के रास्ते से निकल गई। मरीज अद्र्घबेहोशी की हालत में थी। ऑपरेशन में लगी दोनों डॉक्टरों में एक गायनी सर्जन तो दूसरी एनेस्थीसिया विशेषज्ञ थी। बाद में सीएमओ ने दोनों को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही लापरवाही पर एफआईआर दर्ज करने और एमसीआई को पत्र भेजने की बात कही है।
काशी अस्पताल कल्याणपुर में देर रात ओटी में एक महिला के यूट्रस का ऑपरेशन चल रहा था। सीएमओ की छापेमारी से अस्पताल में अफरातफरी मच गई। डॉक्टर बिना मरीज को पैक किए ओटी में छोड़कर चली गई। मरीज को कमर के नीचे बेहोशी भी दी गई थी। सीएमओ ने ओटी खुलवाकर देखा तो एक पुरुष कर्मचारी था जो प्रशिक्षित भी नहीं था। उसी ने जैसे तैसे र्पैंकग की थी।
सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने वहीं से डॉक्टर को फोन लगाया तो डॉक्टर ने बताया कि वह स्वरूप नगर पहुंच गई हैं। इस पर सीएमओ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस भेजने की बात की तो वह अस्पताल पहुंची। और मरीज को संभाला। सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्र के मुताबिक मरीज को ब्र्लींडग हो सकती थी। उसकी जान को पूरा खतरा है। मरीज को बगैर स्टेबिल किए वह कैसे चली गईं।
रुचि राठौर अस्पताल में ऑपरेशन कर रही थीं। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ भी थीं। इस तरह लापरवाही से मरीज की जान जा सकती है। इस पर डॉक्टर रुचि राठौर को हिदायत दी गई है कि अगर मरीज को कुछ हो गया तो उन पर एफआईआर दर्ज कराएंगे। वैसे भी इस लापरवाही पर डीएम की अनुमति से कार्रवाई करेंगे। एमसीआई को भी पत्र भेजा जा रहा है ताकि इस तरह की प्रैक्टिस पर रोक लगे। सीएमओ के मुताबिक तीन अन्य मरीज ऑपरेशन करान वाली भर्ती हैं।
अस्पताल में न तो स्टाफ नर्स हैं और नही प्रशिक्षित स्टाफ है। संचालक उमाशंकर से पूछा गया तो हाल ही रजिस्ट्रेशन कराने की बात सामने आई है जबकि अस्पताल कई वर्षों से चल रहा था।