RAM MANDIR:जानिए, अयोध्‍या में कब से बनेगा रामलला का मंदिर

RAM MANDIR:अयोध्या में जल्द शुरू होगा रामलला के मंदिर का काम: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। सरकार सुप्रीम कोर्ट से तय दिशानिर्देशों के तहत वो सभी औपचारिकताएं पूरी कर रही है जो मंदिर निर्माण में सहायक साबित हों। माना जा रहा है कि नवरात्र या उसके तुरंत
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RAM MANDIR:जानिए, अयोध्‍या में कब से बनेगा रामलला का मंदिर

RAM MANDIR:अयोध्‍या में जल्‍द शुरू होगा रामलला के मंदिर का काम: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। सरकार सुप्रीम कोर्ट से तय दिशानिर्देशों के तहत वो सभी औपचारिकताएं पूरी कर रही है जो मंदिर निर्माण में सहायक साबित हों। माना जा रहा है कि नवरात्र या उसके तुरंत बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है।
RAM MANDIR:जानिए, अयोध्‍या में कब से बनेगा रामलला का मंदिर
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य राम नवमी के दिन शुरू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शिलान्यास के कार्य के दौरान मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में कुछ विदेशी मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि हमारा यह संदेश देश दुनिया तक पहुंचे।

क्या है निर्माण की प्रक्रिया
अयोध्या जमीन अधिग्रहण एक्ट 1993 के तहत एक ट्रस्ट का गठन किया गया है जिसमें अभी दो पद और भरे जाने हैं। मंदिर के लिए यह आंतरिक और बाहरी अहाते की जमीन को कब्जे में लेगा। इसी कानून के तहत केंद्र सरकार ने विवादित स्थल के इर्द-गिर्द की 67.7 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ यह जमीन ट्रस्ट को सौंपी दी है। इसी जमीन पर राम मंदिर निर्माण का कार्य होना है।

जानिये कौन-कौन है ट्रस्‍ट में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर का पूरा प्लान बताया। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के ट्रस्ट का नाम ‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। इसमें 10 स्थायी सदस्य हैं, जिन्हें वोटिंग का अधिकार होगा। बाकी के पांच सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बताया कि 15 सदस्‍यों में से एक सदस्य दलित समुदाय से भी होगा। ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले लोगों में ऐडवोकेट के. पराशरण, कामेश्वर चौपाल, डॉ अनिल कुमार मिश्र, कामेश्वर चौपाल, केंद्र सरकार का आईएएस अधिकारी, केंद्र सरकार का आईएएस अधिकारी, अयोध्या के डीएम, विकास समिति का चेयरमैन,  महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार से जुड़े बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा जैसे नाम प्रमुख हैं।

ट्रस्ट से बाहर नृत्य गोपाल दास
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट में श्री राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय को शामिल न करने का फैसला टल गया। महंत नृत्य गोपाल दास पर चल रहे विवादित ढांचा विध्वंस मामले से जुड़े एक मुकदमा में आरोपी होने की वजह से इन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार महंत नृत्य गोपाल को कमान देने के लिए राजी थी लेकिन सरकार और संतों का अंदेशा था कि अगर उन्हें ट्रस्ट में शामिल किया गया तो मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।

अभी भी ट्रस्ट में 2 पद खाली हैं जिसमें ट्रस्ट के सदस्यों को अधिकार है कि वह मतदान के अनुसार उन पदों का चयन कर सकते हैं। ऐसे में संभव है कि महंत नृत्य गोपाल और चंपत राय को चयनित कर लिया जाए और उन पर अपराधिक मामला भी लागू नहीं होगा। सरकार ने मनोनीत आईएस अधिकारी व अयोध्या के डीएम को इन दोनों सदस्यों के चुनाव में भाग न लेने से दूर रखा है।

आंदोलन से जुड़े संतों ने जताई नारागी
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाए गए ट्रस्ट पर बवाल शुरू हो गया है। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में पुराने लोगों को शामिल ना किए जाने से राम जन्मभूमि से जुड़े महंत नाराज हैं। वो इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। उन्होंने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया। इस मामले में दिगम्बर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने आज संतों की बैठक बुलाई है।

राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला चंदा
लोकसभा में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की घोषणा के 1 दिन बाद केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय के अवर सचिव डी. मुर्मू ने 1 रुपये का चंदा दिया। ट्रस्ट को मिला अभी तक का पहला दान है। अब सचिन डी मुर्मू ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति है और बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान या अनुदान दे सकता है। इसी दौरान राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ महंत कमल नयन दास ने बताया कि इस वर्ष रामनवमी से राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है।

जानें, राम मंदिर ट्रस्‍ट के पास कितना पैसा है
मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। ये सवाल स्वाभाविक है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्‍ट के पास कितना पैसा जमा है? विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करती रही है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिय 1985 में ‘श्रीराम जन्मभूमि न्यास’ की स्थापना की थी। श्रीराम जन्मभूमि न्यास ही मंदिर के लिए मिलने वाले चंदे का प्रबंधन देखता रहा है। कुछ रिपोर्ट्स से पता चला है कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के पास अपने कॉर्पस फंड में करीब 8.5 करोड़ रुपए और नॉन कॉर्पस फंड में लगभग 4.5 करोड़ रुपए हैं।