छात्रों ने छोड़ दी पढ़ाई तो चली गई शिक्षकों की नौकरी, जानिए वजह

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 12 कालेजों में बंद हो गई कॉमर्स की पढ़ाई – एक दौर था जब कॉमर्स की पढ़ाई छात्रों की पहली पसंद हुआ करती थी। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से संबद्ध बरेली कालेज समेत सभी कालेजों में कॉमर्स में एडमिशन के लिए लंबी कतार लगी रहती थी। मगर अब माहौल बदल गया है। इस
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छात्रों ने छोड़ दी पढ़ाई तो चली गई शिक्षकों की नौकरी, जानिए वजह

 

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 12 कालेजों में बंद हो गई कॉमर्स की पढ़ाई – एक दौर था जब कॉमर्स की पढ़ाई छात्रों की पहली पसंद हुआ करती थी। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से संबद्ध बरेली कालेज समेत सभी कालेजों में कॉमर्स में एडमिशन के लिए लंबी कतार लगी रहती थी। मगर अब माहौल बदल गया है। इस साल 12 कॉलेजों में एक भी छात्र ने एडिमशन नहीं लिया। ऐसे में कालेजों को कोर्स बंद करने पडे। ऐसे में तमाम शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कालेजों में तीन साल पहले तक बीकॉम में दाखिले के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट रहती थी। एक एक सीट पर चार-चार स्टूडेंट दावेदारी करते थे। एडेड कॉलेज छोड़िए प्राइवेट कॉलेजों में भी बीकॉम की सीटें फुल हो जाती थी। इसकी वजह से ही कॉलेजों ने जमकर बीकॉम की संबद्धता ली। पहले इंटर किसी भी स्ट्रीम के छात्र बीकॉम में दाखिला ले सकते थे।

छात्रों ने छोड़ दी पढ़ाई तो चली गई शिक्षकों की नौकरी, जानिए वजह

बाद में विवि ने एक बदलाव कर दिया। जिनकी इंटर में कामर्स थी उनको बीकॉम में एडमिशन के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना गया। सीटें बच जाती तभी इंटर मैथमेटिक्स वाले छात्रों को दाखिले का मौका मिलता। इसकी वजह से आवेदन घटते गए और कॉलेजों में सीटें नहीं भरीं। समस्या यह हुई कि कॉलेजों को कोर्स का खर्च उठाना मुश्किल हो गया। शिक्षकों का वेतन और संसाधनों पर होने वाला खर्च कॉलेजों पर भारी पड़ गया।

यह तस्वीर 2019 में नई संबद्धता और संबद्धता वापसी के आंकड़ों के बाद  आई है। बरेली, मुरादाबाद मंडल और बिजनौर में 67 नए कोर्स खुले, इसमें सबसे अधिक 21 बरेली के थे। 9 नए कॉलेज खुले और 115 ने कोर्स का एक्सटेंशन लिया। वहीं 12 कॉलेजों में बीकॉम सहित कुछ अन्य कोर्स बंद हो गए। कॉलेजों का कहना है कि कोर्स बंद इसलिए करने पड़े कि उनके पास छात्र नहीं है।

जब फीस नहीं आएगी तो कॉलेज में शिक्षकों के वेतन और दूसरे जरुरी अन्य खर्च कैसे पूरे होंगे। ऐसे में कॉलेजों ने बीकॉम कोर्स को सरेंडर करने की अर्जी लगा दी। इस पर सुनवाई के बाद विवि ने कोर्स बंद करने को मंजूरी दे दी।

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शिक्षकों के भविष्‍य पर संकट

विवि के इस कदम से तमाम शिक्षकों के भविष्‍य पर संकट खड़ा हो गया है। कालेजों में बीकॉम की पढ़ाई बंद होने के बाद शिक्षकों का क्‍या होगा यह एक बड़ा सवाल है। जानकारों का कहना है कि जीएसटी आने के बाद कॉमर्स की फील्‍ड के जानकारों के लिए रोजगार के मौके बढ़े हैं। इसके बावजूद छात्रों का कॉमर्स की पढ़ाई से मोहभंग होना चौंकाने वाला है। इस पर शोध की जरूरत है। हो सकता है कि कालेजों में पढ़ाई का स्‍तर खराब हो, इस वजह से छात्रों ने दाखिला न लिया हो।