क्वाड देशो के मालाबार अभ्यास एवम 3 रफेल आने से चीन-पाक परेशान

लेख अरुणांचल, लेह लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एल ए सी) पर चल रहे तनाव के बीच भारत ने चीन को चेताया है कि वह यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की हरकते करना बंद कर पूर्व में हुए समझौते पर अमल करे। भारत एसे बदलाव को बर्दाश्त नही करेगा। यही नही
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अरुणांचल, लेह लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एल ए सी) पर चल रहे तनाव के बीच भारत ने चीन को चेताया है कि वह यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की हरकते करना बंद कर पूर्व में हुए समझौते पर अमल करे। भारत एसे बदलाव को बर्दाश्त नही करेगा। यही नही भारत ने चीन सीमा पर जहाँ अत्याधुनिक मिसाइल तैनात कर दी है। समुन्द्र में कई बेड़े और नभ में भी ताकत मजबूत कर ली है। क्वाड देशो का संयुक्त मालाबार अभ्यास भी शक्ति के साथ चला। सीमा पर अटल टनल के बाद अब और सुरंग और समदो बॉर्डर पर एवम नई सड़कों पर तेजी से कम चल रहा है। चीन को अब हर मोर्चे पर अन्य देशो के साथ मिलकर घेरेबंदी की जा रही है। भारत के  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संबंधों में सामान्य स्थिति बहाली तभी होगी जब दोनो देश पूर्व में हुए समझौते का निष्ठा के साथ सम्मान करें । जहां तक एल ए सी  का सवाल है तो यथास्थिति बदलने का कोई भी एकतरफा प्रस्ताव अस्वीकार्य है।  विदेशमंत्री का यह व्याख्यान रेडियो तक पर प्रसारित हुआ। साथ ही विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सेम पार आतंक को भारत बर्दाश्त नही करेगा। उन्होंने कहा यह जरूरी है कि बहुधुर्वीय दुनिया की अवधारणा का आधार बहु धुर्वीय एशिया होना चाहिए। इस संबंध में टू प्लस टू वार्ता में अमेरिका के साथ सहमति भी बनी है । अमेरिका के विदेश मंत्री ने बीका करार को रक्षा सहयोग शेत्र में मील का पत्थर बताया। भारत की बढ़ती सैन्य ताकत को देख इसके उलट चीन इतना बोखला गया है की  अब भारत से सीमा विवाद को द्विपक्ष का मुद्दा बता रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंगबिन ने कहा कि अमेरिका को अपनी हिन्द प्रशांत रणनीति को रोकना चाहिए। चीन अमेरिका की इस गलत नीति की निंदा करता है ।भारत से सीमा विवाद उसका द्विपक्षीय मुद्दा है।अब 3 और राफाल भारत पहुँच गए है जिससे पाक भी परेशान है।

पिछले दिनों भारत के सैन्य कमांडरों की बैठक में सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणऐ ने चीन सीमा पर तैयारी की समग्र समीक्षा में युवा प्रतिभा को तराशने, सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। क्योकि चीन सर्दियो मे भी पूर्वी लद्दाख सीमा पर  – 40 डिग्री तापमान को देख अपने सैनिकों के लिए केबिन और अन्य सामान भेज दिया है । भारत पहले से ही तैयार था अब भारत ने अमेरिका से और वारफेयर किट खरीद कर भेज सीमा पर रहा है ताकि भारतीय सैनिक भी  सर्दी में सुरक्षित रहें। साथ ही भारत के रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह ने अमेरिका के रक्षामंत्री मार्क एसपर के साथ टू प्लस टू वार्ता में बेसिक एक्सचेंज एंड को ऑपरेशन एग्रीमेन्ट (बीका ) पर भी हस्ताक्षर किए जिसके तहत अब भारत को सामरिक डेटा मिल सकेगा। अब भारत अमेरिका के उपग्रह के डेटा से भी दुश्मनो के ठिकानो को मिसाइल से निशाना भी बना सकेगा। इसके अलवा हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन को टक्कर देने के लिए रक्षा सहयोग पर सहमति बनी । इसके अलावा सैन्य सहयोग बढ़ाने, आयुध निर्माण में सहयोग पर भी मंथन हुआ। भारत ने राफाल आने के बाद से अपनी समुन्द्र की सैन्य शक्ति में भी इजाफा किया है। अब उसका क्वाड देशो  अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया की नोसेना के साथ संयुक्त  मलाबार अभ्यास का पहला चरण 6 नबम्बर 2020 को समाप्त हुआ । जिससे चीन में हड़कंप है।अब दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर 2020 को अरब सागर में होगा। वायुसेना ने  सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। जिसे जंगी विमान सुखोई से तंझाबुर में किया गया। यही नही नोसेना ने बंगाल मि खाड़ी में आई एन एस कोरा से एंटी शिप मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था। साथ ही हिन्द महासागर में  भारत ने अपनी सक्रियता भी बढ़ा दी है। भारत सीमा इलाको में तेजी से सडकों पुलो का जाल बिछा रहा है। ताकि सीमा तक सड़क मार्ग से भी दूरी कम हो जाये। अब लाहौल स्फीति और किन्नौर को जोड़ने वाली सामरिक महत्व की 32 किलोमीटर लंबी यह सड़क 12 हजार फुट की ऊंचाई पर पी डब्लू डी बनायेगा। जिससे शिमला से काजा की दूरी 150 और समङो बॉर्डर की दूरी 100 किलोमीटर कम हो जायेगी।       भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इसी  माह में तीन बार दुनिया के अलग अलग और महत्वपूर्ण मंचो पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आमना – सामना होना है। बताया गया है कि शंघाई शिखर वार्ता से दोनों दिग्गजो की मुलाकात का दौर प्रारम्भ होगा। 10 नवंबर 2020 को शंघाई सहयोग संगठन (एस सी ओ) के मंच पर मुलाकात होनी निर्धारित है। इसके बाद  17 नवंबर की 5 उभरती अर्थव्यवस्था के देशों के संगठन ब्रिक्स शिखर वार्ता के दौरान मोदी जी एवम जिनपिंग वार्ता में आमने सामने होंगे।  21 से 22 नवंबर 2020 तक चलने वाली जी 20  समिट में भी चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आमना सामना हो सकता है। रूस ब्रिक्स एवम एससीओ समिट के दौरान अध्यक्षता करेगा।  जबकि जी – 20 समिट की शुरुआत रियाद की ओर से की होनी  बताई गई है।

न्‍यूज टुडे नेटवर्क, बरेली