कोरोना वायरस: रेलवे ने कहा, मास्क से अच्छा है गमछा, जानिए क्या है पूरा मामला

न्यूज टुडे नेटवर्क रेल ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए रेलवे मास्क की जगह गमछा दे रहा है। उसका कारण यही है कि मास्क की अपेक्षा गमछा अधिक कारगर है। क्योंकि उससे नाक और मुंह ही नहीं बल्कि पूरा चेहरा ही कवर किया जा सकता है। चिकित्सकों का भी यही मानना है, कि
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कोरोना वायरस: रेलवे ने कहा, मास्क से अच्छा है गमछा, जानिए क्या है पूरा मामला

न्यूज टुडे नेटवर्क
रेल ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए रेलवे मास्क की जगह गमछा दे रहा है। उसका कारण यही है कि मास्क की अपेक्षा गमछा अधिक कारगर है। क्योंकि उससे नाक और मुंह ही नहीं बल्कि पूरा चेहरा ही कवर किया जा सकता है। चिकित्सकों का भी यही मानना है, कि जो खुले में और समूह में काम करते हैं। उनके लिए मास्क की अपेक्षा गमछा का प्रयोग कोरोना वायरस संक्रमण से बचने को करना चाहिए।
कोरोना वायरस: रेलवे ने कहा, मास्क से अच्छा है गमछा, जानिए क्या है पूरा मामला
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए, 25 मार्च से रेलवे अपने कर्मचारियों को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर की व्यवस्था करवा रहा है। रेल ट्रैक, इलेक्ट्रिक और सिग्नल विभाग के जो कर्मचारी ऑफिस से बाहर ड्यूटी देते है, उन कर्मचारियों ने मास्क की जगह गमछा की मांग की। रेल अधिकारियों ने इस संबंध में चिकित्सकों से राय ली। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया, मास्क ऑफिस के अंदर बैठकर काम करने वालों के लिए उपयोगी है। मगर जो लोग खुले में ड्यूटी कर रहे हैं। समूह के साथ काम करते हैं। उन कर्मचारियों के लिए मास्क की अपेक्षा गमछा ज्यादा उपयोगी है।

नाक, मुंह, कान बाल, गर्दन तक को हम ढक सकते हैं। जिससे संक्रमण से बचा जा सकता है। मास्क सिर्फ नाक और मुंह को ही कवर करता है। सिर,कान, गर्दन खुली रहती है। जिससे संक्रमित होने का खतरा है। इज्जतनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है, रेलवे की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स का वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही जो कर्मचारी आफिस से बाहर खुले में कार्य करते हैं। ट्रैक और सिग्नल की देखरेख कर रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों को गमछे भी बांटे जा रहे हैं।