कोरोना के समय में दिल की सर्जरी करवाना बनी बड़ी चुनौती, योगी सरकार की मदद से संभव हुई सर्जरी, पढ़िए पूरी खबर

बरेली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के समय में किसी भी प्रकार का इलाज करवाना आसान काम नहीं है। इसमें दिल की सर्जरी (Heart Surgery) करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसमें कार्डियक सर्जरी के लिए व्यापक पेरी ऑपरेटिव, पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल और एनेस्थीसिया स्टाफ, आईसीयू बेड, खून व वेंटिलेटर (Ventilator) समेत कई चीजों की आवश्यकता
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कोरोना के समय में दिल की सर्जरी करवाना बनी बड़ी चुनौती, योगी सरकार की मदद से संभव हुई सर्जरी, पढ़िए पूरी खबर

बरेली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के समय में किसी भी प्रकार का इलाज करवाना आसान काम नहीं है। इसमें दिल की सर्जरी (Heart Surgery) करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसमें कार्डियक सर्जरी के लिए व्यापक पेरी ऑपरेटिव, पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल और एनेस्थीसिया स्टाफ, आईसीयू बेड, खून व वेंटिलेटर (Ventilator) समेत कई चीजों की आवश्यकता होती है।

ऐच्छिक कार्डियक सर्जरी (Elective Cardiac Surgery) को रोका जा सकता है लेकिन बहुत ज्यादा आवश्यक होने पर देखभाल और सुरक्षा के साथ इमरजेंसी सेवाएं (Emergency Services) की जाती है। एक 23 साल की युवा महिला के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। युवा महिला को सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी। इस दौरान उसे जांच के लिए अस्पताल में लाया गया, जहां वह गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त फेफड़े और दाएं वेंट्रिकल के साथ बहुकोशिकीय हृदय रोग (Heart Disease) के एडवांस स्टेज (Advanced Stage) से पीड़ित थी।

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कोरोना के समय में दिल की सर्जरी करवाना बनी बड़ी चुनौती, योगी सरकार की मदद से संभव हुई सर्जरी, पढ़िए पूरी खबर

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उसे भारी जोखिम वाले डबल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी (Double Valve Replacement Surgery) की सलाह दी गई। पीड़िता का परिवार गरीब होने के कारण उन्होंने यूपी सरकार (UP Government) से वित्तीय मदद मदद मांगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा तुरंत उसकी सर्जरी के लिए वित्तीय सहायता दी गई। जिसके बाद पीड़िता की सर्जरी व इलाज सफलतापूर्वक किया जा सका।

टीम के सदस्यों डॉ. शशांक, डॉ. मोजाहिद, डॉ. राहुल, डॉ. पल्लवी के साथ-साथ प्रोफेसर डॉ. गौरांगा मजूमदार के नेतृत्व में एक कुशल टीम ने इस जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में राजीव पामू, जानी समेत ओटी, आईसीयू, वार्ड स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ ने भी काफी मदद की। इस दौरान चिकित्सा निदेशक प्रो राजेश कपूर रोगी की महत्वपूर्ण देखभाल में प्रोत्साहन और एक प्रेरणा का स्त्रोत बने रहे।