कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने लिया अहम फैसला, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का बढ़ाया गया कार्यकाल

कोविड अस्पतालों (Covid Hospital) में डाक्टरों की कमी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लिया है। डिप्लोमा उत्तीर्ण कर लेने वाले सीनियर और जूनियर रेजीडेंट के पदों पर कार्यरत डॉक्टरों का एक साल के लिए कार्यकाल (Working Period) बढ़ा दिया गया है। प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने लिया अहम फैसला, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का बढ़ाया गया कार्यकाल

कोविड अस्पतालों (Covid Hospital) में डाक्टरों की कमी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लिया है। डिप्लोमा उत्तीर्ण कर लेने वाले सीनियर और जूनियर रेजीडेंट के पदों पर कार्यरत डॉक्टरों का एक साल के लिए कार्यकाल (Working Period) बढ़ा दिया गया है। प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग को अभी 25 हजार नए कोविड बेड तैयार करने हैं। उसके लिए डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी। जिसकी वजह से इन रेजिडेन्ट डॉक्टरों (Resident Doctor) का कार्यकाल बढ़ाया गया है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने लिया अहम फैसला, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का बढ़ाया गया कार्यकालचिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने इस संबंध में आदेश जारी कर बताया कि ऐसे अभ्यर्थी जिनका सुपर स्पेशलिटी पाठ्य्रक्रम (Super Speciality Courses) डीएम या एमसीएच में पढ़ाई के लिए चयन हो जाएगा। उन्हें सीनियर और जूनियर रेजीडेंट के पद से मुक्त कर दिया जाएगा। यह आदेश सभी राजकीय मेडकल कॉलेजों और निजी मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा।

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इसके साथ ही पदों की संख्या के सापेक्ष अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण होने की स्थिति में मेरिट के मुताबिक (Merit Base) नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने  प्रदेश के किसी राजकीय चिकित्सा शिक्षा संस्था से एमडी, एमएस या पीजी डिप्लोमा किया है और वहां सीनियर रेजीडेंट के पद रिक्त नहीं हैं उन्हें प्रदेश के नए राजकीय चिकित्सा संस्थाओं में नियुक्त किया जाएगा। इस प्रक्रिया को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की ओर से लागू किया जाएगा।