किसानों के लिए देशभर में पारित हुए बिल को किसान द्वारा काला कानून बताकर देखिए किसानों ने कैसे जताया विरोध
संवाददाता -अनुराग शुक्ला
स्थान- सितारगंज
आज नगर सितारगंज में भारी मात्रा में किसानों ने किसानों के विरुद्ध पारित हुए बिल को काला कानून बताते हुए विरोध जताया भारी मात्रा में किसान महाराणा प्रताप चौक से लेकर मंडी सभागार तक विरोध प्रदर्शन करते हुए गए तथा उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा बिल पारित करके किसानों का शोषण किया जा रहा है तथा किसानों के अनुसार 1 एकड़ में फसल की लागत लगभग 6000 रुपए आती है लेकिन किसानों को उनकी फसलों का निर्धारित मूल्य नहीं मिल पाता पूंजी पतियों के द्वारा फसल का निर्धारित शुल्क के कारण किसानों की फसल की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता तथा किसानों पर दबाव बना रहता है किसानों के अनुसार जहां एक तरफ किसान देश के रीढ़ की हड्डी है वही सरकार द्वारा किसानों के विरुद्ध बिल पारित करके किसानों का मानसिक शोषण किया जा रहा है जिससे किसान आत्महत्या करने की ओर अग्रसर हो रहा है किसानों के अनुसार जब कृषि यंत्रों उर्वरकों व दवाइयों पर जीएसटी जोड़ा जाता है जब किसान जीएसटी देता है सरकार किसानों की फसलों का जो न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है अगर उससे कम मूल्य पर कोई किसानों से फसल खरीदना है तो उसके खिलाफ कानून बनाना चाहिए वह दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए गेहूं का जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 1935 रुपए प्रति कुंटल था वह आज की तारीख में 1700 रुपए प्रति कुंटल में बिक रहा है तथा किसानों का अभी तक कोई कर्जा माफ नहीं किया गया जिसको लेकर किसान पर मानसिक दबाव बना रहता है कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने 20 लाख करोड़ का जो पैकेज निर्धारित किया था तथा किसानों के लिए एक लाख करोड़ का प्रावधान था लेकिन किसान जानते हैं कि किसानों को इसका कितना और क्या फायदा मिला आज देश के अन्नदाता किसानों की स्थिति अत्यधिक दयनीय बनी हुई है किसानों के अनुसार सरकार ने किसानों के विरुद्ध जो बिल पारित किया है उसे वापस ले क्योंकि इससे किसान की मानसिक स्थिति पर दबाव बढ़ता जा रहा है इस मौके पर पूर्व मंडी अध्यक्ष हरपाल सिंह ,गुरसेवक सिंह महार ,नवतेजपाल , जगदीश सिंह, गुरु साहब सिंह हसनैन मलिक, आजम मलिक , अख्तियार अहमद पटौदी, सरताज अहमद , करन जंग व मोहसिन मियां आदि शामिल थे