किच्छा- व्यापारी मोहन कुमार के खिलाफ करोड़ो की जमीन हड़पने पर हुई कार्यवाही, जानिए एसआईटी और पुलिस ने कैसे खोले राज

*फर्जीवाड़ा कर नाम करा ली करोड़ों की राइस मिल, मित्तल बंधुओं पर रिपोर्ट**किच्छा/ऊधमसिंह नगर ।* फर्जी दस्ताावेजों का इस्तेइमाल कर राइस मिल और उससे लगी करोड़ों की जमीन को अपने नाम करा लिए जाने के मामले में प्रशासन ने किच्छा के व्यापारी मोहन मित्तल व उसके भाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। बरेली
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किच्छा- व्यापारी मोहन कुमार के खिलाफ करोड़ो की जमीन हड़पने पर हुई कार्यवाही, जानिए एसआईटी और पुलिस ने कैसे खोले राज

*फर्जीवाड़ा कर नाम करा ली करोड़ों की राइस मिल, मित्तल बंधुओं पर रिपोर्ट**किच्छा/ऊधमसिंह नगर ।* फर्जी दस्ताावेजों का इस्तेइमाल कर राइस मिल और उससे लगी करोड़ों की जमीन को अपने नाम करा लिए जाने के मामले में प्रशासन ने किच्छा के व्यापारी मोहन मित्तल व उसके भाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। बरेली के रहने वाले पीडि़त राधेश्याम मित्तल की शिकायत पर एसएसपी ने एसआईटी जांच कराई थी। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद डीएम-एसएसपी ने आरोपी मोहन व उसके भाइयों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए। जिसके बाद किच्छा थाने में आरोपियों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश रचने की गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

किच्छा- व्यापारी मोहन कुमार के खिलाफ करोड़ो की जमीन हड़पने पर हुई कार्यवाही, जानिए एसआईटी और पुलिस ने कैसे खोले राज

बरेली में हजियापुर के रहने वाले राधेश्याशम के पिता स्वर0 रामचंद्र, ताऊ स्व0 रामनिवास और चाचा स्व0 सत्य‍नारायण ने कई दशक पहले किच्छा में बस स्टेंड के पास आपस में मिलकर 3 बीघा 13 बिस्वा जमीन खरीदी थी। तीनों भाइयों का इसमें बराबर का तिहाई-तिहाई हिस्सा था। तीनों भाइयों ने बाद में वहां राइस मिल लगाई, जिसका तीनों परिवार संयुक्त रूप से संचालन करते आ रहे थे। रामचंद्र की 1985 में और सत्यनारायण की 1988 में मृत्यु के पश्चात उनके हिस्से की मिल व जमीन पर बरेली में रह रहे उनके परिवार का हक था। पुलिस में दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा गया है कि ताऊ रामनिवास के पांच बेटे स्व0 ईश्वर चंद्र, पवन कुमार, मोहन कुमार, शत्रुघन व अमित कुमार उर्फ सोनी मित्तल का कुल जमीन में से सिर्फ 1/3 का हिस्सा था। जबकि रामचंद्र के हिस्से की संपत्ति उनके दो बेटे श्रीभगवान और राधेश्यााम व सत्यनारायण के हिस्सेे की संपत्ति उनके एकमात्र बारिस बेटे घनश्याम को मिलनी चाहिए थी।
एफआईआर के मुताबि‍क, स्वत0 रामनिवास और उनके बेटों ने बरेली में रहने वाले अपने चचेरे भाइयों के हिस्से की संपत्ति हड़पने की नियत से गहरी अपराधिक साजिश रच डाली।

किच्छा- व्यापारी मोहन कुमार के खिलाफ करोड़ो की जमीन हड़पने पर हुई कार्यवाही, जानिए एसआईटी और पुलिस ने कैसे खोले राज

रामनिवास के बेटे मोहन कुमार मित्तल ने चचेरे भाई श्रीभगवान, राधेश्याम और घनश्याम के हिस्से की 2/3 संपत्ति हथियाने के लिए उनकी ओर से अपने नाम की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर ली और जालसाजी से उसका इस्तेमाल कर पूरी जमीन अपने पिता रामनिवास के नाम के रिकार्ड में चढ़वा दी। 1993 में रामनिवास की मौत हो गई तो उनके बेटों ने बरेली में रहने वाले चचेरे भाइयों के हिस्से की पूरी जमीन को धोखाधड़ी से अपने नाम करा लिया।

किच्छा- व्यापारी मोहन कुमार के खिलाफ करोड़ो की जमीन हड़पने पर हुई कार्यवाही, जानिए एसआईटी और पुलिस ने कैसे खोले राज

कुछ माह पहले इस फर्जीबाडे़ की भनक लगने पर पीडि़त राधेश्याम ऊधमसिंह नगर पहुंचकर एसएसपी से मिले और उनसे किच्छा निवासी मोहन मित्तल व उसके भाइयों के आपराधिक षडयंत्र की जानकारी देकर न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और एसआईटी जांच के आदेश जारी किए। एसडीएम व सीओ किच्छा ने चकबंदी व रजिस्ट्री अफसरों के साथ मिलकर मामले की संयुक्त जांच की। जांच कमेटी ने आरोपी मोहन व उसके भाइयों को पॉवर ऑफ अटॉर्नी पेश करने के कई मौके दिए मगर वे ऐसा कोई दस्तावेज अफसरों के सामने पेश ही नहीं कर सके। जांच में सच सामने आने के बाद एसडीएम व सीओ ने आरोपी मोहन व उसके भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति प्रशासन से कर दी । रिपोर्ट मिलते ही एसएसपी ने एफआईआर के आदेश जारी कर दिए । जिसके बाद किच्छा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

*राधेश्यााम को राधेलाल बताकर रची पूरी साजिश*

पीडि़त ने बताया कि सभी रिकार्ड में उनका नाम राधेश्याम है। पिता रामचंद्र की मौत के बाद जमीन के दाखिल खारिज में विभागीय भूलवश उनका राधेलाल के रूप में चढ़ गया था। आरोपियों ने हमारी जमीन अपने नाम कराने के लिए उनका नाम राधेलाल के रूप में इस्तेमाल कर डाला। आरोपी मोहन ने राधेलाल के नाम से ही फर्जी पेपर तैयार कर लिए थे। हमने अपना नाम राधेश्याम होने के सम्बंध में जरूरी दस्तावेज जांच कमेटी के सामने पेश किए तो आरोपी बेनकाब हो गए।*

*पीडि़त बोले, अभियुक्तों से हमें जान का खतरा*

पीडि़त राधेश्यालम ने मीडिया को बताया कि साजिशकर्ता मोहन व उसके भाई बहुत दबंग, धनाडय और हर तरह की पहुंच रखने वाले हैं। उन सभी के पास लाइसेंसी हथियार हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद हमारी जान के दुश्मसन बन गए हैं। मुझे और मेरे परिवार को आरोपियों से जानमाल का बड़ा खतरा है। उन्हेंम पूरा अंदेशा है कि आरोपी मोहन व उसके भाई हमें व हमारे परिवार को झूठे मामले में फंसाने की नियत से नई साजिश रच सकते हैं। इस सम्बंध में प्रशासन से कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।