कच्चा माल सप्लाई न होने के वजह से, कई दवाओं के बढ़े दाम
अब दवाएं (Medicines) खरीदने के लिए पहले से ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे क्योंकि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर एक्ट (Drug Prize Control Order Act) की डील के बाद दवा कंपनियों ने लगभग दो दर्जन दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैं। इसका एक कारण चीन (China) से कच्चा माल (Raw Material) न आ पाना भी है।
डीपीसीओ एक्ट (DPCO Act) के मुताबिक आवश्यक दवाओं को जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचाने के लिए दाम तय किए जाते हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) इसे कंट्रोल (Control) करता है और इसकी मॉनिटरिंग (Monitoring) फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट (Food Safety Department) करता है। तय दाम से अधिक पर दवा बेचने पर सेक्शन (Section) 3/7 के तहत कानूनी कार्रवाई (Legal Action) हो सकती है। पिछले एक साल से कच्चे माल का दाम बढ़ जाने के कारण दवा कंपनियां (Companies) दवाओं के दाम बढ़ाने की मांग कर रही थी और दिसंबर 2019 में मंत्रालय (Ministry) से दवा कंपनियों को दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी।
देश में दवाएं बनाने के लिए लगभग 75 प्रतिशत एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API) चीन से ही आता है । चीन में कोरोना वायरस (Corona virus) के चलते सप्लाई (Supply) बंद हो चुकी है। जेनरिक दवाएं भी 10 से 50 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं। डीपीसीओ एक्ट के तहत लगभग 2 दर्जन दवाओं के दाम बढ़ा दिए गए हैं और नया स्टॉक बढ़े हुए दामों के साथ ही आएगा।