ऐतिहासिक धरोहरों को संजोगी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी

बरेली: रुहेलखंड रीजन की ऐतिहासिक धरोहरों (Historical Heritage) को संजोने की जिम्मेदारी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Rohilkhand University) को सौंपी गई है। ऐतिहासिक ध़रोहरों में पर्यटन (Tourism) की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने जगह चुनने का सर्वे (Survey) शुरू कर दिया है। मार्च के अंत तक यूनिवर्सिटी शासन (Governance) को यह रिपोर्ट
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ऐतिहासिक धरोहरों को संजोगी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी

बरेली: रुहेलखंड रीजन की ऐतिहासिक धरोहरों (Historical Heritage) को संजोने की जिम्मेदारी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Rohilkhand University) को सौंपी गई है। ऐतिहासिक ध़रोहरों में पर्यटन (Tourism) की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने जगह चुनने का सर्वे (Survey) शुरू कर दिया है। मार्च के अंत तक यूनिवर्सिटी शासन (Governance) को यह रिपोर्ट सौंप देगी।
ऐतिहासिक धरोहरों को संजोगी रुहेलखंड यूनिवर्सिटीरुहेलखंड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट विभाग (Management Department) ने शासन से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) के तहत यह प्रोजेक्ट (Project) मांगा था। इस प्रोजेक्ट के लिए शासन ने छह लाख रुपये  स्वीकृत कर दिए हैं। यूनिवर्सिटी  को बरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, बिजनौर, पीलीभीत, बदायूं, रामपुर, संभल और अमरोहा में टूरिस्ट स्पॉट का चयन करना है। मैनेजमेंट विभाग के हेड व डीन प्रो. पीबी सिंह ने बताया कि पहले उनकी टीम यह पता लगाएगी की किन जगहों को टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। इन जगहों में बरेली में अहिच्छत्र, खान बहादुर खान की मजार, कल्लू नज्जू का मकबरा और महाभारत कालीन किला है।

रामपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत और बदायूं में भी कई ऐसे ऐतिहासिक स्थान है जिनको जिसको टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। पुराने अज्ञात मंदिर प्राचीन इमारतों को भी खोजा जाएगा और देखा जाएगा कि स्थानों को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर दिया जाए तो वहां लोगों वहां क्यों आये इस स्थिति का भी विश्लेषण किया जायेगा। इसके बाद ही यूनिवर्सिटी रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजेंगी।