उत्तर प्रदेश में 2256 खाली राशन की दुकानों के आवंटन में ज्यादा सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूह को दी जाएगी वरीयता
उत्तर प्रदेश में राशन की दुकानों (Ration shops) के आवंटन के लिए ज्यादा सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को वरीयता दी जाएगी। वहीं दूसरी वरीयता (Preference) मिट्टी तेल के दुकानदारों को मिलेगी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। यूपी में 2256 राशन की दुकानें खाली हैं। आदेश के अनुसार यदि समूह आवेदन (application) नहीं करते हैं या आवंटन के लिए पात्र नहीं होते हैं, तो इसका आवंटन मिट्टी तेल के दुकानदारों को किया जाएगा। वहीं एक से ज्यादा समूह आवेदन करेंगे तो वरीयता ज्यादा सदस्य वाले समूहों को दी जाएगी।
इससे होने वाली आय समूह के खाते (Group accounts) में जाएगी और सक्रिय सदस्य ही इसे संचालित करेंगे। दुकानों के संचालन के संबंध में अर्ह शर्ते (Qualifying terms) पर समूहों पर भी लागू होंगी। अभी तक राशन की दुकानों के आवंटन में पहली वरीयता कुछ मिट्टी तेल विक्रेताओं (Kerosene Dealers) को दी जा रही थी। यूपी में कुछ मिट्टी तेल के फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस (Vendors license) 22 मार्च, 2018 को एक याचिका में दिए गए फैसले के अनुसार रद्द कर दिए गए। अभी तक इन्हें ही पहली वरीयता दी जा रही थी।