बरेली का एक्‍यूआई स्तर जो भी हो मगर आतिशबाजी नहीं बिकी तो आत्म हत्या कर लेंगे ,यह किसने कहा, जानिए इस खबर में विस्तार से….

एनजीटी के आदेश दीवाली पर निकाल रहे व्यापारियों का दीवाला बरेली,न्यूज टुडे नेटवर्क। आतिशबाजी की बिक्री पर एनजीटी के प्रतिबंध के आदेशों के बाद व्यापारियों में इस आदेश से खासा रोष दीख रहा है। किसी ने उधार रूपए लेकर आतिशबाजी खरीद है तो किसी ने ब्याज पर रूपए उठा रखे हैं और थोक में आतिशबाजी का
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बरेली का एक्‍यूआई स्तर जो भी हो मगर आतिशबाजी नहीं बिकी तो आत्म हत्या कर लेंगे ,यह किसने कहा, जानिए इस खबर में विस्तार से….

एनजीटी के आदेश दीवाली पर निकाल रहे व्‍यापारियों का दीवाला

बरेली,न्‍यूज टुडे नेटवर्क। आतिशबाजी की बिक्री पर एनजीटी के प्रतिबंध के आदेशों के बाद व्‍यापारियों में इस आदेश से खासा रोष दीख रहा है। किसी ने उधार रूपए लेकर आतिशबाजी खरीद है तो किसी ने ब्‍याज पर रूपए उठा रखे हैं और थोक में आतिशबाजी का सामान खरीद लाए हैं। व्‍यापारियों के हालात यह हैं कि वे ना इधर के हो पा रहे हैं ना उधर के। तमाम आतिशबाजी व्‍यापारी कह रहे हैं कि यदि आतिशबाजी नहीं बिकी तो वे आत्‍महत्‍या करने को मजबूर होंगे। ऐसे में एनजीटी के आदेश दीपावली के मौके पर व्‍यापारियों का दीवाला निकालने का काम कर रहा है।

राज्य सरकार बरेली सहित 15 शहरों में पटाखों की बिक्री और उसके इस्तेमाल पर रोक लगाने जा रही है। एनजीटी के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। व्यापारियों में इससे खासा रोष है। उनका कहना है कि ठीक दीपावली से पहले इस फैसले से व्यापारी आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे। कोरोना के चलते इस बार शादी का सीजन पूरा खाली निकल गया। इस कारण शादी में बिकने वाली आतिशबाजी रखी की रखी ही रह गई।

इससे पटाखा कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ था। पटाखा कारोबारियों की पूरी उम्मीद दीपावली पर टिकी हुई है। इसके लिए उन्होंने स्टॉक मंगवा कर भी रख लिया था। थोक की 22 दुकानों में कम से कम 25 करोड़ का स्टॉक आया हुआ है। धीरे धीरे कर बिक्री भी तेज होने लगी है। ऐसे में सरकार और एनजीटी के रुख से कारोबारियों में बेहद नाराजगी है।

उनका कहना है कि त्योहार से चंद दिन पहले इस तरह का फैसला व्यापारियों के लिए आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर करेगा। सरकार को यह सोचना चाहिए कि महज दो-चार घंटे की आतिशबाजी में प्रदूषण इतना अधिक नहीं बढ़ जाएगा। यदि रोक लगानी थी तो यह फैसला छह महीने पहले होना चाहिए था। ताकि व्यापारी स्टॉक ही नहीं मंगवाते।

आत्महत्या पर मजबूर होंगे व्यापारी
बरेली आतिशबाजी थोक व्यापार संघ के अध्यक्ष कृष्णदेव सूद ने कहा कि बरेली का एक्यूआई 250 260 के आस-पास रह रहा है। ऐसी स्थिति में रोक लगाने का फैसला बिल्कुल गलत है। व्यापारियों ने ब्याज पर पैसा लेकर स्टॉक खरीदा है। यदि बिक्री नहीं हुई तो वे आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे।

व्यापारियों के ऊपर है अत्याचार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मंडल प्रभारी आशीष सिंघल ने कहा कि सरकार का फैसला समझ से परे है। लॉक डाउन की मार खाए व्यापारियों के ऊपर यह अत्याचार है। जब व्यापारी अपना सब कुछ दांव पर लगा कर स्टॉक खरीद चुका है तब उस पर रोक लगा देने का फैसला न्याय संगत नहीं है।