झारखंड में कांट्रैक्ट पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और नर्सों की हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था चरमराई, बगैर इलाज लौट रहे मरीज

आंदोलित कर्मियों की मांग है कि सरकार उनकी सेवा स्थायी करे। उनका कहना है कि बार-बार के आश्वासन के बाद भी सरकार के ढुलमुल रवैए के कारण उनका भविष्य अधर में लटका है। रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, जामताड़ा, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, गुमला, सिमडेगा, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज सहित प्राय: सभी जिलों में स्वास्थ्यकर्मी हॉस्पिटल्स के सामने लगातार धरना दे रहे हैं। झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ, झारखंड अनुबंधित एएनएम, जीएनएम संघ के प्रवक्ता ने कहा कि अनुबंध कर्मी पिछले 16 से 17 वर्षों से सेवा दे रहे हैं। कई बार राज्य सरकार से नियमितीकरण को लेकर इनकी वार्ता हुई, पर निष्कर्ष शून्य निकला।

बता दें कि कांट्रैक्ट पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने बीते 17 जनवरी को रांची में राजभवन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सीएम हाउस को भी घेरने की कोशिश की थी। इसके साथ ही कर्मी हड़ताल पर चले गए थे। मंगलवार से अनशन कर रहे कर्मियों ने कहा कि जब तक सेवा के स्थायीकरण की उनकी मांग नहीं मानी जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
--आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम