बरेली,न्यूज टुडे नेटवर्क। सावधान यदि आप इंटरनेट यूज करते समय कालगर्ल या अन्य कोई मनोरंजक सामग्री मिलने के मुगालते में हैं तो अपनी जेब और बैंक एकाउंट को संभालकर रखें। इंटरनेट पर मौजूद साइबर ठग इन दिनों को लोगों को ठगने के लिए इस तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। ज्यादातर नई उम्र के युवा और शौकीन लोग इन साइबर ठगों का विशेष निशाना होते हैं। यदि आप जरा सा भी बहके तो आपके एकाउंट यह साइबर ठग पल भर में खाली कर देंगे।
इंटरनेट के युग में ऑनलाइन कार्यों को बढ़ावा मिलने के साथ ही साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है। साइबर ठग आए दिन कोई न कोई नया पैंतरा अपनाकर लोगों से ठगी करते रहते हैं। अब साइबर ठग एक और नये तरीके से बरेली के युवाओं को अपना शिकार बनाने में लगे हैं। युवाओं को सस्ते में कॉलगर्ल मुहैया कराने के नाम पर जमकर ठगी की जा रही है। उनके इस जाल में युवा तेजी से फंसते चले जा रहे हैं। ठगी का शिकार होने के बाद वे शर्मिंदगी की वजह से पुलिस से शिकायत भी नहीं करते हैं। इसका साइबर ठग फायदा उठाते हुए लगातार ठगी कर रहे हैं। हाल ही में ऐसे कई मामले बरेली शहर से ही सामने आए हैं लेकिन शर्म के कारण लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले युवाओं तक यह ठग अपना नंबर कॉलगर्ल के नाम से पहुंचाते है। उसके बाद व्हाट्सएप से पूरी चैटिंग होती है। साइबर ठग व्हाट्सएप पर ही कॉलगर्ल बनकर युवाओं से बात करते हैं और शहर के पॉश इलाकों में उन्हें मिलने के लिए बुलाते हैं। कॉलगर्ल कम कीमत में पूरी रात के लिए बुकिंग करने की बात कहती है। युवाओं को भरोसा हो जाए इसके लिए उन्हें अपनी लुभाने वाली तस्वीरें भी भेजी जाती है। जब युवा उससे मिलने के लिए तैयार हो जाते है तो पहले 50 फीसदी रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात कही जाती है और बाकी 50 फीसदी पेमेंट कार्य पूरा होने के बाद कैश में लेने की बात कही जाती है।
ऐसा नहीं करने पर कॉलगर्ल मिलने को तैयार नहीं होती। यह पैसा ऑनलाइन ही मांगा जाता है। साइबर ठग ऑनलाइन पेमेंट लेने के लिए कई तरीकों का प्रयोग करते है। व्हाट्सएप पर ही एक नंबर भेजा जाता है। उस नंबर पर पेटीएम करने को कहा जाता है। यदि पेटीएम से भेजने में दिक्कत है तो क्यूआर कोड की भी इन्होंने व्यवस्था की है। यह व्हाट्सएप पर ही क्यूआर कोड भेजते हैं और स्कैन करके पेमेंट की बात कहते है। जैसे ही 50 फीसदी पेमेंट इनके पास पहुंचता है। कॉलगर्ल बनकर बात कर रहे साइबर ठग इन्हें ब्लॉक कर देते हैं। इसके बाद युवाओं से कोई संपर्क नहीं होता है।