सात अमेरिकी पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने गेसकॉन के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि यह घटना 31 मार्च, 2020 को हुई, जब ब्रोंस्टीन लॉस एंजिल्स के एक पड़ोसी शहर बरबैंक में नशे में गाड़ी चलाने के संदेह में दो पुलिस कर्मियों ने ब्रोंस्टीन को गाड़ी से खींच लिया गया था।
फिर अधिकारी ब्रोंस्टीन को पास के सीएचपी पाकिर्ंग में ले गए और उसका रक्त सैंपल लेने लगे। ब्रोंस्टीन ने शुरू में रक्त देने से इनकार कर दिया। इस पर पुलिस कर्मियों ने उसे जमीन पर पटक दिया और जबदस्ती सैंपल लेने लगे। इस दौरान वह बेहोश हो गए। उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। उसकी मौत हो चुकी थी।
पिछले मार्च में मुकदमे की सुनवाई करने वाले एक न्यायाधीश ने वहां जो हुआ, उसका वीडियो जारी करने का आदेश दिया। वीडियों में पांच पुलिसकर्मी ब्रोंस्टीन को जमीन पर हथकड़ी लगाते देखे गए। पीड़ित चिल्लाया मैं सांस नहीं ले सकता लेकिन पुलिसकर्मी अपनी कार्रवाई जारी रखे।
ब्रोंस्टीन के शांत हो जाने पर घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उसकी नब्ज चेक की और इंजेक्शन लगाया।
कई मिनट बाद, वीडियो में एक अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया, क्या वह सांस ले रहा है? अगर उसकी पल्स है और वह सांस नहीं ले रहा है, तो उसे अभी भी बचाव की जरूरत है। फिर एक पुलिसकर्मी ने ब्रोंस्टीन के मुंह में हवा देने का प्रयास किया।
गेसकॉन के कार्यालय के बयान में कहा गया है, ब्रोंस्टीन के बेहोश होने के लगभग 10 मिनट बाद पुलिसकर्मियों ने सीपीआर का प्रयास किया, लेकिन ब्रोंस्टीन को होश नहीं आया और बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
गेसकॉन ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पुलिसकर्मियों की आपराधिक लापरवाही से ब्रोंस्टीन की मौत हुई।
उन्होंने गुरुवार को इस मामले पर स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट को भी रीट्वीट किया, सिस्टम के काम करने के लिए, लोगों को कानून प्रवर्तन पर भरोसा करने में सक्षम होना चाहिए। उस विश्वास के निर्माण के लिए पुलिस की जवाबदेही महत्वपूर्ण है, और यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
--आईएएनएस
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