शाहजहांपुर: न अलाव न राहत कैम्प, देहात में कैसे होगा बेसहाराओं की सर्दी का इंतजाम

न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के शाहजहांपुर जिले के देहात इलाकों में अभी तक प्रशासन ने रैन बसेरे और राहत कैम्पों का निर्माण नहीं कराया है। हर साल सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ ही प्रशासन गरीबों और बेसहारा लोगों को राहत देने के लिए रैन बसेरों और राहत शिविरों का निर्माण कराता है। परन्तु इस बार देहात क्षेत्रों में राहत शिविरों और रैन बसेरों का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है रात में अब कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। इससे सड़कों के किनारों पर रहने वाले बेसहारा लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक प्रशासन की ओर अलाव आदि की व्यवस्था भी नहीं कराई गई है।

खबर शाहजहांपुर के बंडा कस्बे से है। जहां की सड़कों पर गरीब असहायों को सड़क के किनारे ठंड से ठिठुरते देखा जा सकता है। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। प्रशासन की नजर में शायद ठंड भी शहर व देहात के लिए अलग अलग होती है। इसीलिए शहर में राहत कैम्प बनाये जाते हैं। लेकिन दूर दराज क्षेत्रों में भटक रहे असहायों के लिए अलाव भी मुहैया नहीं होता। वर्तमान में सुविधाओं की बात पर बंडा प्रशासन की नजर में न ही नगर पंचायत है और न ही ग्राम पंचायत। दिसम्बर माह में सर्द हवाओं के चलते ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है।

प्रशासन द्वारा अब तक अलाव आदि की व्यवस्था नहीं की गई है।सड़कों पर घूम रहे गरीब बेसहारा ठंड से निजात के लिए कूड़ा आदि इकट्ठा कर ठंड से राहत पाने की कोशिश करते हैं। सरकार द्वारा गरीबों को ठंड से राहत दिलाने के लिए अच्छे खासे बजट की व्यवस्था की जाती है। लेकिन यह राहत मात्र कागजों पर ही सिमट कर रह जाती है। बंडा में राहत कैम्प बनवाये जाने के बाबत एसडीएम पुवायां ने बताया कि अभी अलाव की व्यवस्था की जाएगी। यदि राहत कैम्प बनवाये जाने के निर्देश होते हैं तो व्यवस्था की जाएगी। बताते चलें पिछले वर्ष भी प्रशासन द्वारा ठंड से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए थे। सार्वजनिक जगहों पर मात्र खाना पूर्ति कर एक दो बार भूसी जलवा दी गई थी।