
न्यूज टुडे नेटवर्क। पश्चिमी यूपी में तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने सर्दी और बढ़ा दी है। पारा अचानक गिर जाने से वेस्ट यूपी में अब हाड़कंपाऊ सर्दी शुरू हो गई है। शुक्रवार रात तीन बजे के करीब पश्चिमी यूपी के कई जिलों में तेज बारिश हुई। बारिश के साथ ओलावृष्टि से सड़कें पट गईं। सर्दी का पारा भी सुबह अचानक गिर गया। आसमान बादल छाए हुए हैं। ओलावृष्टि के कारण फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने बताया है कि बादलों के छेंटने के साथ ही जोरदार कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। अनुमान लगाया गया है कि सोलह दिसंबर से सदी और बढ़ेगी।
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के तेज होने के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार हैं। फिलहाल विक्षोभ से आये बादलों के कारण तापमान में अपेक्षित कमी नहीं हो पा रही है। शुक्रवार को सुबह से शाम तक सूर्य नहीं निकला और घने बादल छाए रहे। इसके बावजूद अधिकतम तापमान में चार डिग्री गिरावट हुई। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बादलों के हटते ही 16 दिसंबर के आसपास ठंड कहर बरपाने लगेगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रहा।
अरब सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ से पूर्व राजस्थान में इसका असर पड़ा था। चार पांच दिनों बाद यह शांत हुआ। इसी क्रम में अब अरब सागर से उठा विक्षोभ गुजरात तक पहुंचकर देश भर का मौसम बदल रहा है। पहले 12 दिसंबर से शीत लहर चलने का अनुमान मौसम वैज्ञानिकों ने लगाया था‚ जो इस विक्षोभ की भेंट चढ़ गया और ठंड नहीं बढ़ पायी। अब अरब सागर के विक्षोभ के शांत होने के बाद ही ठंड़ बढ़ने का अनुमान है।
उधर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के जिलों में तेज बारिश और ओले गिरने से मौसम बदल गया। एकाएक ठंड बढ़ गई। बारिश के साथ इतने ओले गिरे की सड़कों पर सफेद पर्त जम गई। इस बारिश से खेत में खड़ी सरसों, मटर, आलू की फसल और गन्ने को भारी नुकसान हुआ है।
सिसौली और उसके आसपास के इलाकों में रात करीब 3 बजे से भारी बारिश और ओलावृष्टि शुरू हुई। इससे सिसौली के बाजारों की सड़कों पर ओले के ढेर लग जाने से सफेद चादर सी बिछ गई। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से खेत में सरसों, मटर, आलू की फसल को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा खेत में खड़े गन्ने के ठंडे होने से रिकवरी में कमी आने की आशंका बन गई है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में लेखपाल कानूनगो आदि को भेज कर किसानों को हुए नुकसान का आकलन कराएं और जल्द से जल्द मुआवजा दें।