रुद्रपुर: शहीद के परिजन धरने पर बैठे, घोषणाओं पर अमल न होने से खफा

रुद्रपुर। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हरीश पनेरु के नेतृत्व में एक धरना शहीद देव बहादुर के गांव गोरी कलां में दिया गया, जिसमें शहीद देव बहादुर के पिताजी शेर बहादुर सहित अन्य परिवार जन भी मौजूद थे।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री हरीश पनेरु ने कहा कि इंडियन आर्मी के जांबाज सिपाही लेह लद्दाख में तैनात देव बहादुर 18 जुलाई 2020 को ड्यूटी के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। उनके अंतिम संस्कार में क्षेत्र के हजारों लोगों के साथ ही सेना के लोगों ने भी उनके सम्मान में आंखें नम की थी। तब उत्तराखंड सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सरकार की ओर से देव बहादुर जी के परिवार को उत्तराखंड सरकार की ओर से 12 लाख रुपए देने की घोषणा की थी और साथ में शहीद के नाम से एक स्टेडियम और उनके नाम से स्मृति द्वार तथा विद्यालय का नाम शहीदे बहादुर रखने सहित अन्य घोषणाएं की थी, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि छह माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद न ही प्रदेश सरकार की ओर से घोषित की गई 12 लाख की धनराशि एवं स्टेडियम तथा स्मृति द्वार की घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हो पाई है। जिसको लेकर आज ग्रामीणों के साथ घोषणाएं याद दिलाने के लिए उनको पूरा कराने की मांग को लेकर धरना दिया गया। कहा कि अगर 21 दिन के अंदर उक्त तीनों घोषणाओं को अगर पूरा नहीं किया गया तो सारे ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि सरकार एवं जिला प्रशासन ने उस दौरान आश्वस्त किया गया था कि सैनिक के सम्मान में की गई घोषणाएं देश के सम्मान से जुड़ी होती हैं इसलिए इन घोषणाओं को पूरा किया जाएगा। सरकार सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को याद दिलाने के लिए यह धरना आयोजित किया जा रहा है। अगर सरकार इसको 21 दिन में कुछ ठोस कार्य नहीं करती है तो जनता के साथ मिलकर सरकार की असलियत को जनता के सामने रखा जाएगा।

इस अवसर पर शहीद देव बहादुर के पिता शेर बहादुर ने कहा कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का अब तक पूरा ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें घोषणाएं पूरे होने का इंतजार है। इस अवसर जय भगवान दुर्ग बहादुर , शैलेश, अनुज, अंकित, पप्पू, अंशु सिंह, सुमित्रा देवी, लक्ष्मी देवी, रामकुमार, मिट्ठू देवी, वीरेंद्र यादव ओम प्रकाश सुरेंद्र वीरू , सत्यदेव छोटेलाल गीता देवी आदि मौजूद थे।
