रुद्रपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष ने क्यों दी विधायक को बोर्ड की बैठक से निष्कासित करने की धमकी

रुद्रपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार ने विधान सभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में विधायक राजेश शुक्ला पर जिला पंचायत के सदन में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया और इसे जिला पंचायत सदन की संप्रभुता एवं अखंडता पर अतिक्रमण करना बताया। पत्र में स्पष्ट कहा गया कि राजेश शुक्ला की शब्दावली कदाचार की श्रेणी में आता है, जो स्वीकार नहीं है।

कहा कि विधायक राजेश शुक्ला ने बैठक में असंवैधानिक रूप से बार-बार दोहराया गया कि जिला पंचायत को किसी संस्था का नाम संशोधन करने का अधिकार प्राप्त नहीं है। उन्होंने सदन पर दबाव बनाया। कहा कि सदन में राजकीय मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित रामसुमेर शुक्ल के स्थान पर सरदार बल्लभ भाई पटेल रखने का प्रस्ताव रखा गया, जो ध्वनिमत से पारित किया गया। इसे राज्य सरकार को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा गया है।

नामकरण के नियम बताए
पंचायती राज के शासनादेश का जिक्र करते हुए कहा कि किसी संस्था या इमारत का नाम ऐसे व्यक्ति के नाम पर रखा जाए जिसने अपनी सराहनीय सेवाओं तथा उत्कृष्ट आचरण से इतिहास में अपना स्थान बनाया हो। यह भी कहा कि किसी संस्था का नामकरण करते समय उस व्यक्ति के नाम से जाति के नाम वाला अंश हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह प्रतिबंध महापुरुषों के लिए नहीं है।
बोर्ड की बैठकों से निष्कासन की धमकी
कहा कि बोर्ड की बैठक के बाद विधायक शुक्ल ने सोशल मीडिया व कुछ चैनलों के माध्यम से प्रचार किया कि नाम परिवर्तन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, यह राज्य सरकार का विषय है। साथ ही बोर्ड को अज्ञान बताया। यह सदन की अवमानना है। यह भी कहा कि विधायक राजेश शुक्ला ने सदन की संप्रभुता एवं गरिमा को जो ठेस पहुंचाई है, उसके लिए वे सदन से माफी मांगें। यदि विधायक ऐसा नहीं करते हैं तो अगली बैठक में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए भविष्य के लिए बोर्ड की बैठकों से उन्हें निष्कासित करने को बाध्य होना पड़ेगा। साथ ही मुख्यमंत्री को मेडिकल कॉलेज का नाम सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर रखने का पत्र भेजा गया है।