रुद्रपुर: किसान आंदोलन पर यह बोले भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौहान

रुद्रपुर। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चैहान ने कहा कि भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही किसानों के हित के प्रति प्रतिबद्ध रही है। किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने का जोर कृषि को समृद्ध किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। सरकार किसानों की आय को दोगुना
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रुद्रपुर: किसान आंदोलन पर यह बोले भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौहान

रुद्रपुर। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चैहान ने कहा कि भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही किसानों के हित के प्रति प्रतिबद्ध रही है। किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने का जोर कृषि को समृद्ध किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है और इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए चौहान ने कहा कि संसद में पास हुए कृषि विधेयकों से 70 साल बाद देश के अन्नदाताओं को बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी।। साथ ही अपनी उपज को इच्छानुसार मूल्य पर कहीं भी बेचने की आजादी मिलेगी। पहले हमारे किसान का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित था, उनके खरीदार भी सीमित थे। बुनियादी ढांचे की कमी थी और मूल्यों में भी पारदर्शिता नहीं थी। इस कारण से उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, नीलामी में देरी और स्थानीय माफियाओं की मार झेलनी पड़ती थी। नए कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। खेती किसानी में निजी निवेश होने से विकास की गति को भी बल मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

उनका कहना है कि किसानों का एक देश एक बाजार का सपना भी पूरा होगा। भाजपा नेता चौहान ने कहा कि जिन राजनैतिक दलों ने दशकों तक देश पर शासन किया, उन्होंने किसानों को हमेशा अंधकार और गरीबी में रखा। उन्हें यह बदलाव अच्छा नहीं लग रहा है। वे सड़क से संसद तक इसका विरोध कर रहे हैं। जिनके शासन में किसानों की हालत बद से बदतर हो गई। 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा। 21वीं सदी का किसान जहां मन किया वहीं फसल बेचेगा और जहां ज्यादा पैसे मिलेंगे वहां अपनी फसल बेचेगा। कुछ विपक्षी दल भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य ‘एमएसपी’ को समाप्त करने जा रही है जबकि ऐसा कोई प्रावधान, इन कानूनों में नहीं है। किसानों को उनकी उपज की एमएसपी मिलती थी, मिलती रहेगी। अब किसानों के पास एमएसपी के अलावा भी अपनी उपज को बेचने के कई विकल्प होंगे। चौहान ने कहा कि मंडियां भी समाप्त नहीं होेगी। वहां पूर्व की भांति व्यापार होता रहेगा। किसानों को मंडी के साथ ही अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी। वह अपनी स्वेच्छा से दाम तय कर उपज बेच सकेंगे। देश में 10 हजार कृषक उत्पादक समूह निर्मित किए जा रहे हैं। कांट्रैक्ट सिर्फ उत्पाद पर लागू होगा, जमीन पर नहीं। चौहान ने दावा किया कि जिन दलों ने पहले केंद्रीय कृषि कानूनों में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था। उन्होंने विपक्षी दलों पर अब कानूनों पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया। गैर-भाजपा दलों पर अराजकता फैलाने के लिए बंद का समर्थन करने का आरोप लगाते कहा कि किसान इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों से सरकार लगातार वार्ता कर रही है तो बंद का कोई औचित्य भी नहीं है। कुछ विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह कर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने में लगी हुई हैं।

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