न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में जबरन धर्म परिवर्तन कराने से रोकने के लिए बन रहे नए कानून को राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत दोषी पाए जाने पर दस सालों की सजा का प्रावधान दिया गया है। यूपी के तमाम जिलों में धर्मांतरण के मामलों के सामने आने के बाद सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून लाने का फैसला किया था। पिछले सप्ताह ही प्रदेश की योगी सरकार ने अध्यादेश कैबिनेट के सामने रखा था जिस पर कैबिनेट की मुहर भी लग गई थी।
यूपी में लव जिहाद का अध्यादेश अब कानून बन गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी इस पर मुहर लगाकर इस नए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब जबरन धर्मांतरण या धर्म परिवर्तन के लिए शादी करने या धर्म परिवर्तन करने को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है। कानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर आरोपी को दस साल तक की सजा का प्रावधान है।
नए कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने और शादी के लिए धर्म परिवर्तन जबरन कराने पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जा सकेगा। यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी इस मसले पर कानून बनाने की तैयारी चल रही है।