बीमारी से नहीं कैदी ने फांसी लगाकर दी थी जान
बरेली। हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदी की मौत कुछ समय पहले हो गई थी। तब जेल प्रबंधन का कहना था कि कैदी बीमारी से मरा है और यही रिपोर्ट उन्होंने शासन को भेजी थी। जब शव का पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि कैदी ने फांसी लगाई थी।
11 अक्टूबर को पाटन ने बैरक में खिड़की में गमछा डाल कर फांसी लगा ली जिससे उनकी मौत हो गई। कैदियों ने इसकी सूचना जेल प्रबंधन को दी। इसके बाद वहां तैनात स्टाफ मौके पर पहुंचा और बिना मजिस्ट्रेट के आए ही शव को नीचे उतार लिया और इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इसके बाद प्रबंधन ने डीएम और डीजी जेल को अपनी रिपोर्ट भेज दी और बताया कि कैदी बीमारी से मरा है। जब अगले दिन शव का पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि कैदी की मौत का कारण हैंगिंग है। प्रबंधन ने रिपोर्ट मैनेज करने का प्रयास किया लेकिन रिपोर्ट मैनेज नहीं हो सकी।

बंदी रक्षक को किया सस्पेंड
सेंट्रल जेल प्रबंधन ने मामले की जांच की और बंदी रक्षक प्रदीप कुमार वाजपेयी को दोषी पाते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है। पूरे मामले की जांच अभी भी की जा रही है।
सेंट्रल जेल में कैदी के फांसी लगाकर आत्महत्या करने की घटना गंभीर है। इसकी विभागीय और न्यायिक जांच कराई जाएगी। लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सेंट्रल जेल अधीक्षक से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की जा रही है।
–बीपी त्रिपाठी, डीआईजी जेल प्रशासन, लखनऊ