बिहार : कुढ़नी उपचुनाव में वीआईपी, एआईएमआईएम प्रत्याशी के उतारने की घोषणा से परेशानी में महागठबंधन


इस चुनाव में तय है कि भाजपा अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी। ऐसी स्थिति में तय है कि सात दलों वाले सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रत्याशी के बीच मुख्य मुकाबला होगा।
इस उपचुनाव में बिहार की छोटी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ेंगे तो महागठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है।

मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 17 नवंबर तक नामांकन किया जाएगा जबकि 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 नवंबर तक प्रत्याशी नामांकन वापस ले सकते हैं। फिर पांच दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को मतगणना होगी।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने बताया कि उनकी पार्टी मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारेगी। इसको लेकर लगातार तैयारी चल रही है। अख्तरुल इमान ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में वहां से कौन चुनाव लड़ेंगे, उस उम्मीदवार के नाम की भी घोषणा कर दी जाएगी।

इधर, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी कुढ़नी उप चुनाव में प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है।
वर्ष 2020 में भाजपा और नीतीश का गठबंधन था और सीट भाजपा के कोटे में गई थी। लिहाजा, इस सीट से खऊव विधायक रहे मनोज कुशवाहा को टिकट नहीं मिला। इस बार उप चुनाव में जदयू और राजद का गठबंधन है। ऐसे में मनोज कुशवाहा जदयू से टिकट के दावेदार हैं।
कुढ़नी विधानसभा में भूमिहार, कोइरी, मल्लाह, यादव वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। मुसलमान और वैश्य वोटर भी प्रभावशाली हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि एआईएमआईएम ओर मुकेश सहनी के प्रत्याशी उतारने से महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
--आईएएनएस
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