बाबरी विध्वंस 28वीं बरसी: अयोध्या में छावनी जैसा नजारा, सभी रास्ते सील, हाईएलर्ट

न्यूज टुडे नेटवर्क। आज छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर अयोध्या को पूरी तरह से छावनी बना दिया गया है। ना ही शौर्य दिवस और ना ही यौमे गम मनाने की कोई इजाजत किसी को है। अयोध्या में आज ही के दिन बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को कारसेवकों ने ढहा दिया था। जिसके बाद पूरे देश में धार्मिक उथल पुथल हुआ था और देश की राजनीति में भूचाल आ गया था।

इस घटना के बाद हर साल छह दिसंबर को कारसेवक शौर्य दिवस मनाते रहे थे वहीं दूसरे समुदाय के लोग इस दिन को काला दिवस यौमे गम के रूप में मनाते थे। लेकिन अब इस प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद और अयोध्या में राम जन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास होने के बाद अब सरकार ने किसी को भी शौर्य दिवस या काला दिवस मनाने की इजाजत नहीं दी है। अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में आज सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। सभी जिलों के डीएम एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए गए हैं इस मामले में सतर्कता बरतते हुए कानून व्यवस्था बनाएं।

गौरतलब है कि आज से 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लाखों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया था। अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर सैकड़ों साल से विवाद चला आ रहा था। भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में आंदोलन शुरू किया था। पिछले साल सर्वोच्च अदालत से राम जन्मभूमि और मस्जिद विवाद का पटाक्षेप होने के बाद 5 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए शिलापूजन किया था। वहीं CBI की स्पेशल कोर्ट ने विध्वंस मामले में कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किया जा चुका है। इस बार प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए दोनों समुदाय को किसी भी तरह के कार्यक्रम करने अनुमति नहीं दी है।
अयोध्या में हाई अलर्ट घोषित कर चेकिंग के साथ भारी पुलिस बल व कमांडो दस्ता तैनात है। डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि दोनों समुदायों से अपील की गई है कि बिना अनुमति के किसी कार्यक्रम का आयोजन न करें और कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। चेतावनी भी दी है कि आदेश का उलंघन कर शांति भंग का प्रयास हुआ तो सख्त एक्शन लिया जाएगा। सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। होटल धर्मशालाओं व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी तलाशी व जांच पुलिस की टीमें कर रही हैं।