नैमिषारण्य से शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, गूंजते रहे जयकारे

सीतापुर। सोमवार सुबह 04:30 बजे डंका बजते ही नैमिषरण्य (Naimisharanya) में 84 कोसी परिक्रमा प्रारंभ हो गई। इस दौरान एक लाख से अधिक रामादल (Ramadal) रवाना किया गया। परिक्रमा के दौरान मौसम (weather) चुनौती बना लेकिन इसके बावजूद ‘कड़ाकड़ सीताराम’ के जयकारे के साथ श्रद्धालु आगे बढ़ते रहे। इससे पहले मण्डल अध्यक्ष महंत भरतदास की
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नैमिषारण्य से शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, गूंजते रहे जयकारे

सीतापुर। सोमवार सुबह 04:30 बजे डंका बजते ही नैमिषरण्य (Naimisharanya) में 84 कोसी परिक्रमा प्रारंभ हो गई। इस दौरान एक लाख से अधिक रामादल (Ramadal) रवाना किया गया। परिक्रमा के दौरान मौसम (weather) चुनौती बना लेकिन इसके बावजूद ‘कड़ाकड़ सीताराम’ के जयकारे के साथ श्रद्धालु आगे बढ़ते रहे।
नैमिषारण्य से शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा, गूंजते रहे जयकारे
इससे पहले मण्डल अध्यक्ष महंत भरतदास की अगुवाई में चक्रतीर्थ पर गणेश जी को लड्डू भोग लगाकर परिक्रम शुरू हुई। ललिता देवी (Lalitha Devi) में गजराज पूजन  (Worship) के समय रामादल में 150 से अधिक महंत और पीठाधीश मौजूद रहे। परिक्रमा में गृहस्थ, साधु-संन्यासी के अलावा नागा (Nagas) भी शामिल हैं। श्रद्धालुओं ने कोरौना के अलावा रामगढ़, कोदिकापुर, रानीखेर और कैलाश आश्रम में अपना पड़ाव डाला।

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