नेताजी की जयंती पर ममता ने केंद्र पर योजना आयोग को खत्म करने का आरोप लगाया
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मुख्यमंत्री ने सोमवार दोपहर मध्य कोलकाता में रेड रोड पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा- नेताजी ही थे जिन्होंने योजना आयोग की परिकल्पना की थी। लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ने उस आयोग को समाप्त करने का फैसला किया। क्या यह नेताजी का अपमान नहीं है? इसलिए वर्तमान में केंद्र सरकार के कामकाज के पीछे कोई उचित योजना नहीं है। सब कुछ अनियोजित है।
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2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने योजना आयोग को समाप्त करने का फैसला किया और इसे नीति आयोग के साथ बदल दिया। सोमवार को इस अवसर पर बोलते हुए, ममता बनर्जी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप करने का श्रेय लेने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना भी की।
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मुख्यमंत्री ने कहा, 1943 में द्वीप का दौरा करने के दौरान नेताजी ही थे जिन्होंने शाहिद द्वीप और स्वराज द्वीप के नामों की परिकल्पना की थी। अब केंद्र सरकार इसका श्रेय लेने का दावा कर रही है। 2018 में, केंद्र सरकार ने नील और हैवलॉक द्वीपों का नाम बदलकर क्रमश: शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया और राष्ट्रीय नायक के सम्मान के निशान के रूप में निकटवर्ती रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रख दिया।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने राज्य में केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर क्षेत्र निरीक्षण के लिए एक केंद्रीय टीम भेजने के निर्णय के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा- पश्चिम बंगाल में छोटी से छोटी कोई भी समस्या केंद्र सरकार को केंद्रीय निरीक्षण दल भेजने के लिए प्रेरित करती है। पिछले कुछ दिनों में, पश्चिम बंगाल में इतनी सारी केंद्रीय निरीक्षण टीमें भेजी गई। लेकिन कितनी टीमें उत्तर प्रदेश भेजी गई, समानता होनी चाहिए।
--आईएएनएस
केसी/एएनएम