नक्सली क्यों मना रहे हैं खूनी क्रांति सप्ताह, सरकार ने क्या उठाए कदम, जानें इस खबर में विस्तार से…

भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच नक्सली खूनी क्रांति सप्ताह मना रहे हैं। आठ से 15 नवंबर तक मनाये जाने वाले खूनी क्रांति सप्ताह के दौरान वे रेलवे ट्रैक, उसकी संपत्ति के अलावा अन्य सरकारी तंत्रों और सुरक्षा बलों पर हमला कर सकते हैं। इसे लेकर आरपीएफ के डीजी ने पुलिस मुख्यालय को सतर्क किया
 | 
नक्सली क्यों मना रहे हैं खूनी क्रांति सप्ताह, सरकार ने क्या उठाए कदम, जानें इस खबर में विस्तार से…

भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच नक्सली खूनी क्रांति सप्ताह मना रहे हैं। आठ से 15 नवंबर तक मनाये जाने वाले खूनी क्रांति सप्ताह के दौरान वे रेलवे ट्रैक, उसकी संपत्ति के अलावा अन्य सरकारी तंत्रों और सुरक्षा बलों पर हमला कर सकते हैं। इसे लेकर आरपीएफ के डीजी ने पुलिस मुख्यालय को सतर्क किया है। आरपीएफ के डीजी के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को उचित कार्रवाई को लिखा है।

बताया गया है कि उग्रवादियों द्वारा आईईडी विस्फोटक एवं बारूदी सुरंग विस्फोट कर पुलिस बल,  अर्धसैनिक बल, पुलिस प्रतिष्ठान, रेलवे स्कॉर्ट दल को क्षति पहुंचायी जा सकती है। ट्रेनों, सरकारी- गैरसरकारी प्रतिष्ठानों, रेलवे स्टेशनों, मोबाइल टावरों पर हमला कर हिंसक घटनाओं को वे अंजाम दे सकते हैं। ऐसा पत्र में कहा गया है।

किऊल-जसीडीह रेलमार्ग है संवेदनशील 
किऊल-जसीडीह रेलमार्ग नक्सलियों को लेकर काफी संवेदनशील रहा है। इस बात की आशंका जताई गयी है कि नक्सली किऊल-जसीडीह रेललाइन के साथ ही किऊल-भागलपुर लूप लाइन को निशाना बना सकते हैं। इस बात की भी सूचना है कि नक्सली अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए नये लीडर की तलाश कर रहे हैं। पुलिस मुठभेड़ के दौरान 2017 में मंटू खैरा को मार गिराया गया था। उसके बाद बांका में पिंटू राणा को जिम्मेदारी तो दी गयी है पर वह प्रभाव बढ़ाने में सफल नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि बांका के लिए मजबूत लीडर की तलाश की जा रही है। खुफिया विभाग की यह भी सूचना है कि माओवादियों के प्रवक्ता और लखीसराय में सक्रिय रहे अरविंद यादव और बहादुर कोड़ा अन्य जिलों में भ्रमण कर रहे हैं और अपनी शक्ति को बढ़ाने में लगे हैं।

सप्ताह बनाये जाने के दौरान ही लोगों को जोड़ने की कोशिश, कई जिले प्रभावित
नक्सली सालभर में कई सप्ताह मनाते हैं। उनमें शहीदी सप्ताह और खूनी क्रांति सप्ताह महत्वपूर्ण है। इस दौरान वे लोगों को अपने मारे गये साथियों की कहानी सुनाकर लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की भी कोशिश करते हैं। भागलपुर और मुंगेर पुलिस रेंज की बात करें तो भागलपुर में बांका और मुंगेर में लखीसराय, मुंगेर और जमुई जिले नक्सल प्रभावित हैं। इन जिलों के सुदूर गांव और पहाड़ी इलाकों में वे अपनी बैठकें भी करते हैं। मुंगेर रेंज डीआईजी मनु महाराज का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं और चुनाव भी शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया। उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जायेगा, क्योंकि पुलिस और अर्धसैनिक बल सक्रिय और सतर्क हैं।

WhatsApp Group Join Now
News Hub