नए संसद भवन के प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन पर एमवीए के तीनों घटक साथ
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अधिकांश विपक्षी दलों ने इस आधार पर रविवार को नई दिल्ली में होने वाले उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है कि सरकार ने इस आयोजन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करके लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन किया है।
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, भारतीय जनता पार्टी नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके देश के शीर्ष संवैधानिक पद को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। यह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है। भाजपा स्पष्ट रूप से 2024 के चुनावों से पहले मोदी की छवि को बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
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तदनुसार, एनसीपी के सभी सांसदों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है और संसद भवन के उद्घाटन समारोह से दूर रहने का फैसला किया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दोहराया कि रविवार के कार्यक्रम में उनकी पार्टी भी शामिल नहीं होगी।
राउत ने घोषणा की, सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी इसका पालन करेंगे।
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तापसे ने कहा कि राष्ट्रपति नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षक होते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं। इसलिए अधिकांश विपक्षियों को लगता है कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए।
--आईएएनएस
एकेजे