तस्कर सक्रिय जिम्मेदार मौन।

न्यूज टुडे नेटवर्क। पीलीभीत-हज़ारा थाना क्षेत्र के भारत-नेपाल सीमवर्ती क्षेत्रों में खाद की तस्करी का धंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है।
भारत नेपाल सीमा वर्ती गांव सम्पूर्णानगर, हज़ारा, सिद्धनगर, भुरजुनिया और शांतिनगर, आदि गांव कालाबाजारी व तस्करी के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है। यहां से इन दिनों भारी मात्रा में यूरिया डिएपी सुपर आदि उर्वरक तथा अन्य सामग्री की तस्करी जोरों पर खुलेआम हो रही है।

सूत्रों की मानें तो नेपाल में यूरिया खाद का इस्तेमाल खेती के अलावा देसी शराब बनाने में किया जाता है। इसलिए भी यूरिया खाद की डिमांड रहती है। तस्करों को प्रति बोरी दो सौ से पांच सौ रुपए की कमाई होती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी का काम वर्षो से होता आ रहा है। कुछ तस्कर कृषि विभाग से उर्वरक की दुकान का लाइसेंस अबैध रुप से लेकर भारत- नेपाल सीमा के बिल्कुल करीब हीं अपनी दुकानें खोल कर उर्वरकों का भंडारण कर लेते है और वहां से मोटरसाइकिल व ट्रैक्टर ट्राली में भर कर आसानी से खाद नेपाल भेज देत हैं।

बताया जाता है की सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियो कीभी मिलीभगत हैं ,। तस्करों की मिलीभगत काफी ऊपर तक होने के कारण होने के कारण शिकायत के बाद भी कार्यवाही की बजाय प्रशासन तमाशा देखता है। जिसके कारण तस्करों का हौसला बुलन्द है।