डीआरआई ने महाराष्ट्र में तस्करी कर लाए गए चीनी मूल के कीटनाशकों का किया खुलासा, 30 टन जब्त

मुंबई, 25 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) की मुंबई जोनल इकाई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 टन चीनी मूल के कीटनाशक की तस्करी की खेप जब्त की है, जिसकी कीमत करीब 16.80 करोड़ रुपये है, एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
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मुंबई, 25 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) की मुंबई जोनल इकाई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 टन चीनी मूल के कीटनाशक की तस्करी की खेप जब्त की है, जिसकी कीमत करीब 16.80 करोड़ रुपये है, एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डीआरआई के अनुसार, जब्ती के बाद बड़े रैकेट का पदार्फाश किया है, जिसने हाल के दिनों में भारत में 300 टन से अधिक अवैध कीटनाशकों की तस्करी की है, जिसकी कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक है।

डीआरआई एमजेडयू के एक अधिकारी ने कहा, इन वस्तुओं के चीनी आपूर्तिकर्ताओं की सक्रिय मिलीभगत से कीटनाशकों की कई खेपों की भारत में तस्करी की जा रही है। इन मामलों में जांच जारी है। कीटनाशकों के आयात के लिए कानूनी रूप से केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता होती है।

जांच के अनुसार, अज्ञात सिंडिकेट द्वारा तस्करी में क्लोरेंट्रानिलिप्रोले, एबामेक्टिन बेंजोएट आदि कीटनाशकों को विनाइल एसीटेट एथिलीन कोपोलिमर बताकर तस्करी की गई। डीआरआई ने कहा कि सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत खेप को जब्त किए जाने के बाद, प्रयोगशाला परीक्षणों ने कीटनाशक होने की पुष्टि की है, जिसे चीनी आपूर्तिकर्ताओं की सक्रिय मिलीभगत से यहां लाया गया था।

जांच से पता चला कि सिंडिकेट चीनी आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलीभगत से काम कर रहा था, जिन्होंने तस्करी को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर अपने दस्तावेजों में कीटनाशकों को वीएईसी के रूप में गलत घोषित किया। तस्करी के इन सामानों की बिक्री से अवैध आय सिंडिकेट द्वारा अवैध हवाला नेटवर्क के माध्यम से अज्ञात चीनी आपूर्तिकर्ताओं को भेजी गई थी।

कानून के अनुसार, कीटनाशकों के उपयोग से पहले उचित गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए आयातक के साथ-साथ आपूर्तिकर्ताओं/निर्माताओं के लिए सीआईबी से पंजीकरण कराना अनिवार्य है। डीआरआई ने कहा, तस्करों द्वारा इन सभी आवश्यकताओं की अवहेलना की गई। घटिया कीटनाशकों का उपयोग प्रकृति के साथ-साथ नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, कुछ कीटनाशक पेटेंट उत्पाद थे और आईपीआर नियमों का उल्लंघन कर लाए जा रहे थे।

पिछले एक महीने में, डीआरआई ने खुलासा किया कि उसने चीन से भारत में प्रवेश करने वाले ऐसे तस्करी वाले कीटनाशकों की कई खेप जब्त की हैं, और एक बड़े रैकेट की ओर इशारा किया है जो व्यापक प्रभाव के साथ काफी समय से चल रहा है।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम

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