ट्रोपेक्स-2023: भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के प्रमुख समुद्री युद्धाभ्यास ट्रोपेक्स का 2023 संस्करण वर्तमान में हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहा है। यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विभिन्न चरणों में बंदरगाह और समुद्र दोनों में आयोजित किया जा रहा है। यह युद्धाभ्यास नौसेना के संयुक्त बेड़े की लड़ाकू तैयारी का परीक्षण भी करता है।
 | 
नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के प्रमुख समुद्री युद्धाभ्यास ट्रोपेक्स का 2023 संस्करण वर्तमान में हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहा है। यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विभिन्न चरणों में बंदरगाह और समुद्र दोनों में आयोजित किया जा रहा है। यह युद्धाभ्यास नौसेना के संयुक्त बेड़े की लड़ाकू तैयारी का परीक्षण भी करता है।

भारतीय नौसेना के मुताबिक, ट्रोपेक्स 23, जनवरी से लेकर 23 मार्च तक की तीन महीने की अवधि के दौरान आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाओं के साथ अंतर - संचालनात्मकता सहित नौसेना के संचालन की अवधारणा को मान्य और परिष्कृत करने हेतु विध्वंसकों, युद्धपोतों, कार्वेट के साथ-साथ पनडुब्बियों और विमानों सहित भारतीय नौसेना की सतह पर स्थित सभी लड़ाकू इकाइयों को जटिल समुद्री परिचालन तैनाती से गुजारा जाता है।

संचालन स्तर का यह अभ्यास द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है और इसमें न सिर्फ भारतीय नौसेना की सभी इकाइयों बल्कि भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल से जुड़ी परिसंपत्तियों की भी भागीदारी होती है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्षेत्र और जटिलता में वृद्धि होने के बाद, यह अभ्यास बहु-खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए भारतीय नौसेना के संयुक्त बेड़े के लड़ाकू तैयारी का परीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है। यह समुद्री अभ्यास भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संचालन स्तर के आदान-प्रदान की सुविधा भी देता है, जोकि एक जटिल वातावरण में अंतर - संचालनात्मकता और संयुक्त अभियान को और मजबूती प्रदान करेगा।

इस बीच सोमवार को भारतीय नौसेना की रडार से बच निकलने में सक्षम स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर कोनौसेना में शामिल कर लिया गया। पनडुब्बी में उन्नत रडार से बच निकलने वाली विशेषता के अलावा लंबी दूरी की गाइडेड टॉरपीडो तथा युद्धपोत रोधी मिसाइलें मौजूद हैं। आईएनएस वागीर पश्चिमी नौसेना कमान के पनडुब्बी बेड़े का हिस्सा होगी।

फ्रांस के मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा भारत में छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।आईएनएस वागीर को अब तक की सभी स्वदेश निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय होने का गौरव प्राप्त हुआ है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

WhatsApp Group Join Now