जी4 नेताओं व अन्य ने यूएनएससी में नए सिरे से सुधारों का आह्वान किया


भारत के साथ, ब्राजील, जर्मनी और जापान जी4 के नाम से जाना जाने वाला समूह है, जो परिषद में सुधार की वकालत करते हैं और विस्तारित परिषद में स्थायी सीटों के लिए उनकी उम्मीदवारी का परस्पर समर्थन करते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, जो मंगलवार को महासभा की उच्चस्तरीय बैठक की शुरुआत में बोलने वाले पहले राष्ट्रीय नेता थे, ने कहा कि सुरक्षा परिषद के विशिष्ट मामले में 25 साल की बहस के बाद यह स्पष्ट है कि हमें रुके हुए सुधारों के लिए नए सिरे से समाधान तलाशने की जरूरत है।

जापान के प्रधानमंत्री किशिदो फुमियो ने वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए एक दस्तावेज को अपनाने से रोकी गई सुधार प्रक्रिया की कठिन समस्या का उल्लेख करते हुए कहा : सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए पाठ आधारित वार्ता का समय आ गया है।
इसे परिषद के विस्तार का मामला बनाते हुए जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि एशिया, अफ्रीका और अमेरिका के उभरते गतिशील देशों और क्षेत्रों को विश्व मंच पर एक मजबूत राजनीतिक आवाज देनी चाहिए।

भले ही इटली और तुर्की जैसे कुछ देशों के पास सुधारों की अलग-अलग अवधारणाएं हों, मगर मंगलवार को कम से कम छह अन्य नेता सुधारों के आह्वान में शामिल हुए।
इटली नेता है और तुर्की उस समूह का सदस्य है, जिसने सुधारों के समर्थन में बयान दिया है।
इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने कहा, हमारे सामान्य संस्थानों को खुद में नयापन लाना चाहिए। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्व, कुशल, पारदर्शी बनाने के लिए सुधार की जरूरत का पुरजोर समर्थन करते हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनना होगा, जहां पूरी मानव जाति की आम इच्छा आगे रखी जा सके, खासकर सुरक्षा परिषद को अधिक प्रभावी, अधिक लोकतांत्रिक, अधिक पारदर्शी और अधिक जवाबदेह होना चाहिए।
परिषद के विस्तार के लिए सबसे मजबूत बयान सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सिल का आया। उन्होंने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के रूप में अपने महाद्वीप की मांग को आवाज दी।
उन्होंने कहा, यह सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अफ्रीका की न्यायसंगत और वैध मांग के साथ न्याय करने का समय है।
--आईएएनएस
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