जानिए, आज क्यों 24 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए बरेली के सभी निजी डाक्टर
न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली के निजी डाक्टर आज हड़ताल पर हैं। केन्द्र सरकार की बनाई कुछ नीतियों से असहमत होने की वजह से निजी डाक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाह्न पर आज शुक्रवार को बरेली के निजी डाक्टर सामान्य सेवाएं नहीं देंगे। बरेली में भी सभी चिकित्सकों ने अपने अस्पतालों की ओपीडी को बन्द कर दिया है। शुक्रवार सुबह छह बजे से चौबीस घंटों के लिए सभी निजी चिकित्सकों ने ओपीडी को बन्द कर दिया है। इस दौरान डाक्टर सामान्य सेवाएं नहीं देंगे। नियमित आने वाले मरीजों को आज उपचार नहीं मिल सकेगा। हालांकि आईएमए के पदाधिकारियों ने बताया कि इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। कोविड के मरीजों और इमरजेंसी मरीजों को उपचार पूर्व की भांति दिया जाएगा।

आज बरेली के आईएमए हाल में शहर भर के निजी चिकित्सकों ने केन्द्र सरकार की नीतियों का विरोध जताया। आईएमए हाल में आयोजित डाक्टरों की बैठक को पूर्व आईएमए अध्यक्ष और पूर्व मेयर डा आईएस तोमर ने संबोधित करते हुए हड़ताल पर जाने के कारणों पर प्रकाश डाला। तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से कुछ नियम ऐसे बना दिए गए हैं जिससे चिकित्सकों को आम लोगों को सेवाएं देने में बाधा उत्पन्न हो रही है। यह बिलकुल ठीक नहीं है सरकार को ऐसे नियमों में संशोधन करके उन्हें सरल बनाना चाहिए।

आईएमए हाल में आयोजित विरोध सभा में आईएमए के अध्यक्ष डा विमल भारद्वाज ने कहा कि आज हम केन्द्र सरकार की कुछ नीतियों का विरोध जता रहे हैं। आईएमए के राष्ट्रीय आवाह्न पर यह विरोध जताया जा रहा है। केन्द्र की नीतियों के विरोध में आज शुक्रवार सुबह छह बजे से सभी निजी डाक्टर अपने अपने संस्थानों व अस्पतालों की ओपीडी बंद रखेंगे। यह विरोध अगले चौबीस घंटे तक जताया जाएगा। इस दौरान सामान्य मरीजों को डाक्टर नहीं देखेंगे और ना ही कोई उपचार करेंगे। हालांकि इमरजेंसी और कोविड के मरीजों को पहले की भांति मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। इस दौरान आईएमए हाल में आईएमए के सभी पदाधिकारियों समेत शहर भर के तमाम निजी चिकित्सक वहां मौजूद रहे।
मरीजों को हुई दिक्क्त
निजी डाक्टरों के ओपीडी बंद कर हड़ताल पर जाने के कारण निजी अस्पतालों में नियमित मरीजों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई अस्पतालों में सुबह से मरीज डाक्टरों के इंतजार में बैठे रहे लेकिन डाक्टर वहां नहीं पहुंचे। इसके इतर निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए अन्य डाक्टर वहां मौजूद रहे।