चीन 2.3 अरब डॉलर के ऋण चुकाने में पाकिस्तान की मदद करेगा
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द न्यूज ने बताया कि इस्लामाबाद अभी भी दूसरी ऋण अदायगियों की समय सीमा का पालन करने के तरीकों पर विचार कर रहा है क्योंकि देश को इस महीने और जून में मिलाकर 3.7 अरब डॉलर के विदेशी ऋण का विदेशी मुद्रा में भुगतान करना है जबकि इसका मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 4.3 अरब डॉलर है।
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फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने वादा किया था कि पाकिस्तान द्वारा जून में 2.3 अरब डॉलर के दो महत्वपूर्ण ऋणों के भुगतान के तुरंत बाद वह नए फंड उपलब्ध कराकर पाकिस्तान की मदद करेगा।
अधिकारियों ने कहा, 1.3 अरब डॉलर के वाणिज्यिक ऋण और एक अरब डॉलर के चीनी सरकार के ऋण के रीफाइनेंस से पाकिस्तान को तत्काल चूक से बचने में मदद मिलेगी।
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इस साल की शुरुआत में चीन ने पहले ही पाकिस्तान को कुछ कर्ज दे दिया था। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने भी इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान उसे वित्तीय समर्थन की बात दोहराई थी। चीनी सरकार ने नवीनतम घटनाक्रम पर टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
डिफॉल्ट के संभावित जोखिम की चेतावनी देते हुए विश्लेषकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान को उसके सबसे करीबी सहयोगियों में से एक चीन से राहत मिलेगी।
वॉशिंगटन स्थित थिंक-टैंक, अटलांटिक काउंसिल में पाकिस्तान इनिशिएटिव के निदेशक उजैर यूनुस ने जून की ऋण समय सीमा का जिक्र करते हुए कहा, कोई रास्ता नहीं है कि चीनी.. इस समय पाकिस्तान को छोड़ देंगे।
--आईएएनएस
एकेजे