गहलोत का सचिन पर निशाना, पेपर लीक मामले में मुआवजे की मांग करना बौद्धिक कमी का संकेत

गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर हमला बोला और इसे नए सिरे से टकराव की शुरूआत के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री गुरुवार को जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड के नए टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा, पेपर लीक कहां नहीं हो रहे हैं? हमने कानून बनाया है। हम पेपर लीक मामले के आरोपियों को जेल भेज रहे हैं। अगर विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है तो वे पेपर लीक की बात करेंगे, और कहेंगे उनको मुआवजा दो, जो 26 लाख लोगों ने परीक्षा दी उन्हें मुआवजा दो। ऐसी मांग की जाती है कि चूंकि कागजात खत्म हो गए हैं इसलिए अभ्यर्थियों को मुआवजा मिलना चाहिए। आप इसे क्या कहेंगे? क्या इसे बुद्धि का दिवाला नहीं कहेंगे?

दुनिया के इतिहास में कभी किसी ने यह मांग की है कि पेपर आउट हो गए थे और जो बच्चे पढ़ रहे थे, परीक्षा नहीं दे पा रहे थे, उन्हें मुआवजा दिया जाए। सरकार दे सकती है? आप बताइये ऐसी मांगें भी की जाती हैं। जब पेपर आउट हो जाता है तो अच्छा काम करने वाले पीछे रह जाते हैं। पेपर आउट.. पेपर आउट। पेपर कहां लीक नहीं हो रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, और कहा कि पेपर लीक गुजरात और अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं।
गहलोत ने बिना सचिन पायलट का नाम लिए विपक्ष का हवाला देते हुए यह बयान दिया। हालांकि मुआवजे की मांग सबसे पहले सचिन पायलट ने 15 मई को उठाई थी और इसे पायलट का जवाब माना जा रहा है।
--आईएएनएस
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