खनन पर फिर रायल्टी लगाने की तैयारी में सरकार
बरेली,न्यूज टुडे नेटवर्क। मिट्टी खनन को रॉयल्टी से मुक्त करने के बाद सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। सौ घनमीटर मिट्टी खनन की अनुमति जारी करने से जिला खनन कार्यालयों में भी काम का बोझ बढ़ा लेकिन सरकार को राजस्व के रूप में कोई लाभ नहीं हुआ।

मिट्टी की ट्रैक्टर-ट्रालियां पकड़े जाने के बाद जुर्माने के रूप में प्राप्त होने वाले राजस्व का भी घाटा हो रहा है। इन बिंदुओं पर गौर करते हुए सरकार फिर से मिट्टी खनन पर रॉयल्टी लगाने की तैयारी कर रही है। अधिकारी बताते हैं कि रॉयल्टी लगाने के संबंध में जिला खनन अधिकारियों के सुझाव भी लिये गये हैं।

अधिकारी जल्द आदेश जारी होने की बात कह रहे हैं। रॉयल्टी लगने पर सरकार को मिट्टी खनन से कई अरब रुपये के राजस्व का लाभ होने की बात कही जा रही है। मार्च, 2018 से पहले राज्य में मिट्टी खनन पर रॉयल्टी वसूल की जाती थी। अप्रैल, 2018 के बाद सरकार ने मिट्टी खनन को रॉयल्टी से मुक्त कर दिया था।
रॉयल्टी हटने के बाद बिल्डरों के साथ-साथ मिट्टी बेचने वालों को ज्यादा फायदा हुआ। अभी मिट्टी भरी ट्रैक्टर ट्राली पुलिस भी नहीं पकड़ रही है। सरकार ने उन किसानों को भी राहत दी थी जो अपने खेत की मिट्टी बेच रहे हैं। खेत से सौ घनमीटर मिट्टी का उठान कराने के लिये जिला खनन कार्यालयों से अनुमति दी जा रही है। खनन निदेशालय की वेबसाइट पर अनुमति लेने की सुविधा भी दी गयी है।
बरेली जनपद के दो सौ से अधिक लोग सौ घनमीटर मिट्टी खनन करने की अनुमति ले चुके हैं। अनुमति में 15 या 20 दिन में खनन करना होता है। इधर, जिला खनन अधिकारी कमल कश्यप का कहना है कि सरकार मिट्टी खनन पर रॉयल्टी लगाने की तैयारी कर रही है। रॉयल्टी नहीं लिये जाने से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व के रूप में घाटा हो रहा है।
18 साल पहले मिट्टी को खनिज की श्रेणी में किया था शामिल
अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2002 में तत्कालीन यूपी सरकार ने मिट्टी को खनिज की श्रेणी में शामिल किया था। इसके साथ ही यूपी सरकार ने रॉयल्टी वसूलने का नोटिफिकेशन भी जारी किया था। तभी से मिट्टी के खनन पर रॉयल्टी ली जा रही थी। मिट्टी खनन से पहले प्रशासन से अनुमति भी ली जाती थी लेकिन अप्रैल, 2018 में यूपी सरकार ने मिट्टी खनन को रॉयल्टी से मुक्त कर दिया। ईंट-भट्ठों के लिए कच्ची ईंट बनाने वाली मिट्टी भी अभी रॉयल्टी से मुक्त है।