इमरान बोले, सत्ता में वापसी के लिए पीटीआई को प्रचार की जरूरत नहीं

लाहौर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में वापसी करेगी और देश में मौजूदा हालात की वजह से प्रचार करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
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इमरान बोले, सत्ता में वापसी के लिए पीटीआई को प्रचार की जरूरत नहीं लाहौर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में वापसी करेगी और देश में मौजूदा हालात की वजह से प्रचार करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख ने एक सेमिनार को संबोधित करते हुए ने कहा कि स्थिरता और विश्वास बहाल करने के लिए देश को चल रही आर्थिक उथल-पुथल से बाहर निकालने के लिए तत्काल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है।

उन्होंने कहा, सरकार चुनाव में जितनी देरी करेगी, पीटीआई के लिए उतना ही फायदेमंद होगा और हमें देश की मौजूदा हालात की वजह से प्रचार करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार की जरूरत है, ताकि वह साहसिक फैसले ले सके।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने मौजूदा सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी नई सरकार को देश की दिशा को सही करने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा, किसी ताकतवर को कानून के दायरे में लाना आसान नहीं है।

खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि देश में निवेश को कैसे आकर्षित किया जाए और निवेशकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकारी माफी केवल उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए, जो देश के उद्योगों में निवेश करते हैं।

खान ने दावा किया कि वह अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि जब पाकिस्तान कई संकटों से बाहर निकल चुका है, तब वे लोग क्या चाह रहे थे, जो उनकी सरकार को हटाने के पीछे पड़े थे।

उन्होंने कहा, जब हमें सत्ता से हटाने की साजिश के बारे में पता चला, तो मैंने शौकत तरीन को तटस्थ लोगों को यह बताने के लिए भेजा कि राजनीतिक अस्थिरता पैदा होने से अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने बाद में शरीफ और जरदारी परिवारों की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि देश के मामलों को संभालने के लिए उन्हें क्यों लाया गया, जबकि 90 के दशक में उनकी सरकारों के ट्रैक रिकॉर्ड खराब थे।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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