इंटरनेशनल गेमिंग साइट से डेढ़ महीने में 400 करोड़ के ट्रांजेक्शन, 16 गिरफ्तार, डी कंपनी से भी जुड़े हैं तार

पुलिस की जांच में पता चला है कि इनका सरगना दुबई से बैठकर यहां गेमिंग को ऑपरेट कर रहा है। डी-कंपनी से भी ये मामला जुड़ हुआ है। पुलिस मामले में ईडी से संपर्क कर रही है। पुलिस को इनके कब्जे से 12 लैपटॉप, 73 स्मार्ट फोन, 6 पासबुक, 19 चैक बुक, 90 एटीएम कार्ड, 58 सिम कार्ड, 1 बुकी ब्रीफकेस सूटकेस, 2 नेटवर्क राउटर, 6 पासपोर्ट, 17 सिक्के यूएई करेंसी, 60 परिचयपत्र/आधार कार्ड/पैनकार्ड, 2 लग्जरी गाड़ियां व 02 स्कूटी बरामद हुई हैं। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत किया है।

डीसीपी हरीशचंद्र ने बताया कि महादेव बुक का मालिक सौरभ चंद्राकर है। इंडिया में उसका एक एजेंट सचिन सोनी पूरे मामले को डील करता था। इस मामले में 26 से ज्यादा बैंक अकाउंट मिले हैं और 1.5 करोड़ की रकम भी जब्त की गई है। डीसीपी ने बताया कि नोएडा में सेक्टर-108 के मकान नंबर डी-309 फ्लैट से ये ऑनलाइन गेम ऑपरेट हो रहा था। ये मकान वेब डिजाइनिंग के कार्य के लिए 68 हजार किराए पर प्रतिमाह लिया गया था। अंदर व बाहर जाने के दौरान ये लोग ताला लगाकर जाया करते थे।

डीसीपी ने बताया कि दो माह में 10 बैंकों के 26 फर्जी बैंक खातों में 4 अरब 5 करोड़ 91 लाख 90 हजार रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली। इन पैसों को अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। शेष 1 करोड़ 86 लाख से ज्यादा की रकम को पुलिस ने फ्रीज किया है।
पुलिस सोर्स के मुताबिक, इस इंटरनेशनल गेमिंग बैटिंग साइट का संचालक मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर है। ये अभी दुबई में है। वहीं से ये वॉट्सऐप कॉल के जरिए इन लोगों से जुड़ता था। ऑनलाइन गेमिंग की ट्रेनिंग देता था। सामने आया है कि वो इंडिया नहीं आता है। पकड़े गए सभी आरोपी इसी के लिए काम करते हैं। इस मामले में 9 और भी शामिल हैं, जिनकी लिस्टिंग की गई है। इस मामले में नोएडा पुलिस ई डी और एनआईए से संपर्क करने जा रही है।
दरअसल, ये मामला ऑनलाइन बैटिंग गेम के साथ मनी लांड्रिंग का भी हो सकता है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन लोगों ने महज डेढ़ महीने में 400 करोड़ के ट्रांजेक्शन किए है। ट्रांजेक्शन फ्लो के चलते ही इनको पकड़ा जा सका। ये काफी लंबे समय से सक्रिय थे। पकड़े गए आरोपियों में तरुण लखेरा, राहुल, अभिषेक, आकाश साहु, हिमांशु, अनुराग वर्मा, विवेक, दीपक, विशाल शर्मा, अभी रावत, दिव्य प्रकाश, हर्षित चौरासिया, आकाश तिवारी, नीरज गुप्ता, आकाश जोशी और दीपक शामिल हैं। 14 आरोपी झांसी के हैं, 1 लखनऊ और 1 को जालौन से गिरफ्तार किया गया है।
डीसीपी ने बताया कि ये लोग कस्टमर द्वारा टेलीग्राम ऐप पर महादेव बुक के चैनल पर वॉट्सऐप नंबर के पर गेम खेलने के लिए आईडी खुलवाते थे। फिर कस्टमर को गेम खेलने के लिए अपनी पसंदीदा साइट (क्रिकेटबुज डॉट कॉम, बेतभाई डॉट कॉम, स्काई1 एक्सचेंज डॉट कॉम, लेजर247 डॉट कॉम, गोल्ड 365 डॉट कॉम, टाइगरेक्सचेंज डॉट कॉम, लॉर्डेक्सचेंज डॉट कॉम) को चुना जाता था। कस्टमर को पेमेंट के लिए फोन पे, गूगल पे, पेटीएम, स्कैनर यूपीआई पर पैसा ट्रांसफर करने का ऑप्शन दिया जाता था। यहां कम से कम 100 रुपये की बेट होती थी, अधिक से अधिक कितना भी। एक बार पैसा आने पर ये लालच देने के लिए पैसा ट्रांसफर करते। फिर बड़ी रकम आने पर उसकी आईडी ब्लाक कर दी जाती थी। एक बार एक से अधिक लोगों को क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, इलेक्शन, कब्बडी, तीन पत्ती, कसीनो, रोलिट, ड्रेगन टाइगर, लाइव कसीनो आदि खिलाने के लिए बुकी ब्रीफ केस का प्रयोग करते थे, जिसमें एक बार में 10 से ज्यादा लोग एक साथ खेल सकते थे।
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी में अक्षय तिवारी और दिव्य प्रकाश को ट्रेनिंग के लिए दुबई भेजा गया। ये दोनों सचिन सोनी के जरिए दुबई गए। दिल्ली एयरपोर्ट पर इनको पांच लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन दिया गया। दुबई एयरपोर्ट पर इनको किसी लोकल एस्सिट ने होटल पहुंचाया। यहां होटल में रुके। इसके बाद दो दिन बार इनको वॉट्सऐप पर लिंक मिला और इन दोनों ने 12 दिनों तक वहां काम किया। इसके बाद 27 नवंबर को ये वापस इंडिया आ गए। अब अगला बैच 6 लोगों का दुबई जाने वाला था। महादेव ऐप का ऑनर सौरभ चंद्राकर है।
इसने छत्तीसगढ़ से मोबाइल के जानकारों को दुबई ले गया। दुबई से इसने सट्टे का खेल शुरू किया। जो अब पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश श्रीलंका समेत 11 देशों में है। वहां इसके पार्टनर सट्टे का खेल महादेव बुक, रेड्डी अन्ना और अंबानी बुक का संचालन कर रहे है। महादेव प्रतिमाह करीब 250 से 300 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा था। यानी रोजाना करीब 5 करोड़ रुपये के आसपास सट्टा खिलवाया जा रहा था।
--आईएएनएस
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