न्यूज टुडे नेटवर्क। दिल्ली में किसानों के आंदोलन को रोकने की सरकार की सारी कोशिशें बेअसर हो गई हैं। हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। सरकार की तानाशाह रणनीति और फोर्स की सख्ती से किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे कि वे अपने ही देश में आतंकवादी करार दे दिए गए हों।
आखिरकार किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत देने के साथ सरकार को किसान शक्ति के आगे झुकना पड़ा। हरियाणा पंजाब से दिल्ली तक कई स्थानों पर पथराव होना शुरू हो गया था। पुलिस बलों ने गुरूवार और शुक्रवार को किसानों को आठ बार रोकने की कोशिश की लेकिन सभी कोशिशें नाकाम साबित हुईं। अन्त में किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गई। सिंधु बार्डर पर कुछ देर पहले ही किसानों की ओर जबर्दस्त पथराव किया गया। जिसके बाद पुलिस के वरिष्ठ आला अफसरों के आदेश पर फोर्स को पीछे हटने के निर्देश दे दिए गए।
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गया। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत दे दी है। हालांकि, सिंघु बॉर्डर पर अभी भी तनाव बना हुआ है। यहां हरियाणा और पंजाब के किसान बड़ी तादाद में जमे हुए हैं। बीच-बीच में पथराव भी हो रहा है।
सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने तीन लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी। सबसे आगे कंटीले तार थे। फिर ट्रकों को बैरिकेड की तरह लगाया गया। आखिर में वाटर कैनन तैनात थी। इतने इंतजाम भी किसानों को नहीं रोक पाए। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली बॉर्डर तक तीन राज्यों की पुलिस ने 8 बार बड़ी नाकेबंदी कर किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान हर बार ट्रैक्टर के सहारे आगे बढ़ते गए।
सिंघु बॉर्डर पर बड़ी तादाद में जमा हुए किसान
किसानों को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रोक गया। यहां वे बड़ी तादाद में ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे थे। पुलिस ने यहां आंसू गैस छोड़ी। कुछ देर पथराव भी हुआ। किसान दिल्ली में घुसने के लिए अड़े हुए थे। कुछ किसान वहीं धरने पर बैठ गए और खाना बनाने लगे। किसानों का कहना था कि हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे जारी रखते हुए हम दिल्ली में एंट्री करेंगे। लोकतंत्र में प्रदर्शन की इजाजत होनी चाहिए।