आपदा के कारण न जाए किसी की जान, इसी लक्ष्य को लेकर सरकार कर रही है काम : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए आगे यह भी कहा कि, हमारे देश में आपदा प्रबंधन कोई नई कल्पना नहीं है।
चाणक्य के अर्थशास्त्र से लेकर पौराणिक समय के राज्य प्रशासन के जितने भी दस्तावेज उपलब्ध हैं उन सभी में आपदा प्रबंधन की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि कोविड के संकट काल के समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर देश सदी की सबसे भीषण महामारी का सामना करके उससे बाहर निकला।उस कठिन समय में सभी मोचरें पर केंद्र, राज्य और जनता तीनों ने मिलकर आपदा के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी जा सकती है उसका एक उत्कृष्ट उदाहरण दुनिया के सामने रखा। 220 करोड़ से ज्यादा टीका लगाना,लाखों की संख्या में गरीबों को अपने गृह राज्य में पहुंचाना, कोई भूखा न सोए इसे सुनिश्चित करना और डीबीटी के माध्यम से लोगों की सीधी मदद करना, यह सब हमने करके दिखाया।

शाह ने आपदा को लेकर बदल रही सोच का जिक्र करते हुए कहा कि, पहले आपदा को लेकर हमारा ²ष्टिकोण राहत केंद्रित व रिएक्शनरी था। हम केवल राहत और पुनर्वास की चिंता करते थे। लेकिन पिछले 9 साल के अंदर अर्ली वानिर्ंग सिस्टम, प्रिवेंशन, मिटिगेशन और पूर्व तैयारी आधारित आपदा प्रबंधन को हम सभी ने मिलकर जमीन पर उतारा है और एक साथ रखा है। 350 आपदा संभावित जिलों में आपदा मित्र योजना के तहत एक लाख युवा वॉलेंटीयर्स को तैयार किया जा रहा है। इससे अब तक अनेक आपदा की घटनाओं में अच्छे परिणाम मिले हैं जो सकारात्मक व उत्साहवर्धक हैं।

शाह ने पिछले चार सालों में प्रोएक्टिव तरीके से केंद्र द्वारा राज्यों को मदद करने के लिए कदम उठाने के बारे में तथ्यों और आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से भी आपदा प्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी देने और अपनाने का आग्रह भी किया। उन्होंने तमाम मंत्रियों को यह आश्वासन भी दिया कि उन लोगों ने रिकॉर्ड स्तर पर जो अपना बयान रखा है, उसका उनका विभाग बिंदुवार अध्यन कर राज्यों को प्रतिक्रिया देगा। इस पर आने वाले समय में क्या-क्या कार्यवाही हो सकती है, इस पर भी चर्चा की जाएगी।
--आईएएनएस
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