ठग ने मैसेजिंग के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की आईडी का किया इस्तेमाल
ठग ने अपनी प्रोफाइल पिक्च र के तौर पर चीफ जस्टिस की फोटो लगाई है।
चूंकि अधिकांश वकीलों के पास अपने सेल फोन की संपर्क सूची में मुख्य न्यायाधीश का व्यक्तिगत नंबर नहीं होता है, जब ठग ने उनके व्हाट्सएप नंबरों पर खुद को मुख्य न्यायाधीश के रूप में पेश करने वाले मैसेजिस को फॉर्वड किया तो वे शुरू में अनजाने में उसके झांसे में आ गए।
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल उन वरिष्ठ वकीलों में शामिल हैं, जिन्हें ठग से इस तरह के व्हाट्सएप मैसेज मिले हैं।
इस संबंध में उन्होंने विभूति खंड थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
उन्होंने कहा, 25 जुलाई को, मुझे अपने व्हाट्सएप नंबर पर एक मैसेज मिला। जब मैंने उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछा तो उस व्यक्ति ने खुद को मुख्य न्यायाधीश के रूप में पेश किया। चूंकि मुख्य न्यायाधीश का नंबर मेरे सेल फोन की संपर्क सूची में नहीं था, मैंने शुरू में सोचा कि वह व्यक्ति मुख्य न्यायाधीश हैं।
बुलबुल लखनऊ उच्च न्यायालय की मध्यस्थता और सुलह आयोजन समिति की सचिव भी हैं और उन्हें लगा कि मुख्य न्यायाधीश उनके काम से संबंधित कुछ जानना चाहते हैं।
गोदियाल ने कहा, लेकिन जैसे ही दूसरे छोर पर बैठे व्यक्ति ने अमेजन गिफ्ट कार्ड के बारे में मैसेज देना शुरू किया, मुझे एहसास हुआ कि वह एक धोखेबाज है।
पुलिस अधीक्षक, साइबर अपराध, लखनऊ, त्रिवेणी सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है।
सिंह ने कहा, विभूति खंड पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रारंभिक जांच के बाद, जिस सेल नंबर से व्हाट्सएप मैसेज भेजे जा रहे थे, वह राजस्थान में स्थित है।
वरिष्ठ वकील जयदीप माथुर को भी वित्तीय धोखाधड़ी के मैसेज मिले। माथुर ने कहा, ये स्पष्ट रूप से नकली संदेश हैं। हमें केवल यही करना चाहिए कि व्हाट्सएप पर ऐसे संदेशों को ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें। मैंने यही किया है।
--आईएएनएस
एसकेके