असम में नाबालिग लड़की स्कूल में डांटने के बाद लापता, पुलिस ने ऐसे बचाया
प्राचार्य के अनुसार छात्रा स्कूल में एक परीक्षा में नकल का सहारा ले रही थी। लड़की को अंग्रेजी की परीक्षा के दौरान रूमाल के अंदर कुछ चिटों के साथ पकड़ा गया और ड्यूटी पर मौजूद शिक्षक उसे मेरे पास ले आए। मैंने उसे गुरुवार को अपने माता-पिता को एक बैठक के लिए बुलाने के लिए कहा। लेकिन गुरुवार को छात्रा स्कूल नहीं पहुंची। स्कूल प्रशासन ने उसकी अनुपस्थिति के बारे में अभिभावकों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह रोज की तरह सुबह स्कूल के लिए निकली थी।
जिसके बाद गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया और पुलिस लड़की का पता लगाने के लिए तलाशी में जुट गई। तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक देबोजीत देउरी ने आईएएनएस को बताया, हमने तुरंत सभी पुलिस थानों में उसकी तस्वीर प्रसारित की और उसकी तलाश में एक टीम भी भेजी गई और तलाशी के बाद हमने उसे ब्रह्मपुत्र नदी पर ढोला-सोदिया पुल के पास पाया।
तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि, जब प्रिंसिपल ने उसे अपने माता-पिता को लाने के लिए कहा तो लड़की बहुत डर गई। इसी वजह से वह स्कूल पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाई और बुधवार की घटना के बारे में अपने माता-पिता को भी नहीं बताया। उन्होंने कहा, पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से शायद आज कोई अप्रिय घटना टल गई। इस बीच, माता-पिता और लोगों के एक वर्ग ने स्कूल प्रशासन पर नाबालिग के साथ असंवेदनशील व्यवहार करने का आरोप लगाया।
--आईएएनएस
केसी/एएनएम