रक्षा मंत्रालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग ने बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि उन्हें पेंशन प्रशासन (रक्षा) (स्पर्श) पहल के तहत सेवा केंद्रों के रूप में पूरे भारत में 14,000 से अधिक शाखाओं के साथ शामिल किया जा सके।
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रक्षा मंत्रालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग ने बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि उन्हें पेंशन प्रशासन (रक्षा) (स्पर्श) पहल के तहत सेवा केंद्रों के रूप में पूरे भारत में 14,000 से अधिक शाखाओं के साथ शामिल किया जा सके।

रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) रसिका चौबे और रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) अविनाश दीक्षित और अन्य की उपस्थिति में बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर रक्षा सचिव कुमार ने कहा कि सितंबर, 2022 के अंत तक कुल 32 लाख रक्षा पेंशनरों में से 17 लाख पेंशनभोगियों को स्पर्श पर लाने का लक्ष्य है और शेष पेंशनभोगियों को जल्द से जल्द स्पर्श में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेंशन निपटान में औसत समय काफी कम होकर करीब 16 दिन रह गया है।

एमओयू बैंक ऑफ बड़ौदा की 7,900 से अधिक शाखाओं और एचडीएफसी बैंक की 6,300 शाखाओं को सेवा केंद्रों के रूप में ले जाएगा ताकि पेंशनभोगियों को अंतिम मील कनेक्टिविटी विशेष रूप से जो देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके पास साधन या तकनीकी नहीं है, स्पर्श पर लॉग ऑन करने के लिए साधन प्रदान किया जा सके। इन पेंशनभोगियों के लिए, सेवा केंद्र स्पर्श के लिए एक इंटरफेस बन जाएंगे और पेंशनभोगियों को प्रोफाइल अपडेट अनुरोध करने, शिकायत दर्ज करने और निवारण, डिजिटल वार्षिक पहचान, पेंशनभोगी डेटा सत्यापन या उनकी मासिक पेंशन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी माध्यम प्रदान करेंगे।

ये केंद्र 161 से अधिक डीएडी कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं और कोटक महिंद्रा बैंक की 14 शाखाओं द्वारा प्रदान किए गए लगभग 800 सेवा केंद्रों के मौजूदा नेटवर्क को और बढ़ाएंगे। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) नेटवर्क के हिस्से के रूप में 4.5 लाख से अधिक ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) भी रक्षा पेंशनरों की सहायता करेंगे। इन सेवा केंद्रों तक पहुंच पेंशनभोगियों को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी, जिसमें नाममात्र का सेवा शुल्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।

स्पर्श पेंशन दावों को संसाधित करने और बिना किसी बाहरी मध्यस्थ के सीधे रक्षा पेंशनभोगियों के बैंक खातों में पेंशन जमा करने के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली है।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम