नर्मदा परियोजना: सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे में संशोधन की मांग वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार

नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 60 लाख रुपये के अंतिम मुआवजे के भुगतान के अपने 2017 के आदेश को संशोधित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
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नर्मदा परियोजना: सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे में संशोधन की मांग वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 60 लाख रुपये के अंतिम मुआवजे के भुगतान के अपने 2017 के आदेश को संशोधित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

एक विस्थापित की ओर से दलीलें आगे बढ़ाते हुए अधिवक्ता संजय पारिख ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड से कहा कि, नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण की मदों में आवेदक का हक 4.293 हेक्टेयर भूमि का होना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, एक संशोधन या स्पष्टीकरण आदेश पारित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अदालत के फैसले की एक वास्तविक समीक्षा होगी। शीर्ष अदालत ने 8 फरवरी, 2017 को मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) के प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि, 2017 का आदेश अनुच्छेद 142 के तहत पारित किया गया था। पारिख ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत के आदेश को ध्यान से पढ़ने से यह स्थापित हो जाएगा कि वास्तविक मुआवजा 1.28 करोड़ रुपये होगा, क्योंकि मुआवजा 30 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर होना चाहिए। भाटी ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश में संशोधन या स्पष्टीकरण पारित नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे उसके फैसले की व्यापक समीक्षा होगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसके द्वारा जारी निर्देश इस आवेदन में स्पष्टीकरण या संशोधन के लिए अतिसंवेदनशील नहीं हैं। इसमें कहा गया है- हमें इस आवेदन में कोई योग्यता नहीं मिलती है..आवेदन खारिज कर दिया जाता है। फरवरी 2017 में, शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) के विस्थापितों को मुआवजे के लिए निर्देश पारित किया। फिर, इसने विस्थापित होने वाले प्रत्येक परिवार के लिए 60 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि, परिवारों को एक महीने के भीतर जमीन खाली करनी होगी और अगर वो खाली करने में विफल रहते हैं, तो अधिकारी उन्हें बेदखल कर देंगे।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम