सांसद ने समर्थकों के साथ जयपुर में दिया धरना, पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग

जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक के मामले के विरोध में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा हजारों समर्थकों के साथ विधानसभा का घेराव करने जयपुर पहुंचे।
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जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक के मामले के विरोध में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा हजारों समर्थकों के साथ विधानसभा का घेराव करने जयपुर पहुंचे।

मीणा को जयपुर पुलिस ने जयपुर के घाट की गुनी सुरंग में रोक दिया और वह बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ जयपुर-आगरा हाईवे पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने मंगलवार को सदन में पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने से इनकार कर दिया।

इससे पहले सरकार ने पेपर लीक मामले में आरबीएसई के चेयरमैन डीपी जारोली और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया था। हालांकि आज तक मामले में सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं। मीना ने कहा कि जब तक इस जांच का आदेश नहीं दिया जाता, हम यहां धरने पर बैठे रहेंगे।

मीणा ने कहा कि पेपर लीक होने के कारण 16 से अधिक भर्ती परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। नतीजतन प्रदेश के हजारों युवाओं का भविष्य संकट में है। ऐसे में पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से ही होनी चाहिए क्योंकि इसमें मंत्री, विधायक, अधिकारी और कांग्रेस के पदाधिकारी भी शामिल हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेपर लीक मामले में अपनी सरकार और नेताओं को क्लीन चिट दे रहे हैं। क्योंकि वे यह भी जानते हैं कि अगर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की तो कांग्रेस सरकार की असलियत जनता के सामने आ जाएगी।

मीणा ने कहा कि राज्य के बाहर के लोगों को राजस्थान में नौकरी दी जा रही है। इससे राजस्थान के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। इससे पहले किरोड़ीलाल सैकड़ों वाहनों के काफिले में दौसा समाहरणालय से रवाना हुए। इस दौरान पूरे हाइवे पर युवा उनके समर्थन में नारेबाजी करते दिखे। मीणा ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भी आरोप लगाया कि पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड को राज्य सरकार ने राजनेताओं के दबाव में जानबूझकर छोड़ दिया है।

अपने पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि इन परीक्षाओं के लिए 50 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है और अब उनका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि राजस्थान बेरोजगारी सूचकांक में दूसरे स्थान पर है और इसलिए हरियाणा सरकार की तर्ज पर स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने हाल ही में मिली फर्जी डिग्रियों से भरी बोरियों के मामले की भी गहन जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में फर्जी डिग्रियों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम