संसद के नवनिर्मित भवन पर भाजपा ने कांग्रेस को दिया जवाब - मीरा कुमार और जयराम रमेश भी चाहते थे नया संसद भवन

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। संसद भवन की नई इमारत को लेकर जारी राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा नवनिर्मित संसद भवन को लेकर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के जवाब में पलटवार करते हुए भाजपा ने याद दिलाया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान लोक सभा की तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार और बतौर केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी नया संसद भवन बनाने की वकालत की थी।
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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। संसद भवन की नई इमारत को लेकर जारी राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा नवनिर्मित संसद भवन को लेकर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के जवाब में पलटवार करते हुए भाजपा ने याद दिलाया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान लोक सभा की तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार और बतौर केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी नया संसद भवन बनाने की वकालत की थी।

दरअसल, गुरुवार रात को जैसे ही यह खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे उसके एक घंटे के अंदर ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नए संसद भवन में चल रहे कामकाज की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर को शेयर करते हुए ट्वीट कर इसे प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना बताते हुए सीधा निशाना साधा था।

जयराम रमेश द्वारा संसद भवन की नई इमारत को लेकर की जा रही आलोचना का जवाब भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने शुक्रवार को ट्वीट कर जयराम रमेश को देते हुए यह याद दिलाया कि मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के तौर पर कार्य करने के दौरान जयराम रमेश ने स्वयं एक इंटरव्यू के दौरान संसद भवन की इमारत को पुराना बताते हुए कहा था कि, हमें एक नए संसद भवन की बहुत आवश्यकता है। मालवीय ने जयराम रमेश के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए उन पर कटाक्ष भी किया। भाजपा नेता ने यह भी याद दिलाया कि यूपीए सरकार के दौर में वर्ष 2012 में लोक सभा की तत्कालीन अध्यक्ष मीरा कुमार ने अपने ओएसडी के माध्यम से तत्कालीन शहरी विकास सचिव को लिखे पत्र में इस मांग पर ( नए संसद भवन ) बल दिया था।

उन्होंने नए संसद भवन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और भविष्य में निवेश करने की सोच का प्रतीक बताते हुए कहा कि नए भारत के वास्तुकार के रूप में, वह अपनी राजनीतिक पूंजी और प्रतिबद्धता का उपयोग उस चीज को पूरा करने के लिए कर रहे हैं, जिस पर भारतीयों को पीढ़ियों तक गर्व होगा। उनसे पहले कई नेताओं ने इसके बारे में बात की थी लेकिन उनके पास यह करने का साधन नहीं था।

--आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम